अगली नीतिगत समीक्षा बैठक में वृद्धि की जगह मुद्रास्फीति पर ध्यान दें: विरल आचार्य

Sunday, Aug 02, 2020 - 10:16 AM (IST)

मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व डिप्टी-गवर्नर विरल आचार्य ने शनिवार को कहा कि मुद्रास्फीति उम्मीद से अधिक है और दरें तय करने वाली समिति को अगले सप्ताह नीतिगत समीक्षा बैठक के दौरान अपने मुख्य उद्देश्य कीमतों को नियंत्रित करने पर ध्यान देना चाहिए। आचार्य की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब ऐसा कहा जा रहा है कि भले ही प्रमुख मुद्रास्फीति की दर जून में छह प्रतिशत के स्तर को पार कर गई हो, फिर भी आर्थिक सुधार को बढृावा देने के लिए दरों में आगे और कटौती हो सकती है। छह प्रतिशत की मुद्रास्फीति दर आरबीआई की सहज स्थिति से अधिक है। 

आरबीआई ने मध्यम अवधि में मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के स्तर पर रखने का लक्ष्य तय किया है, हालांकि इसमें दो प्रतिशत कम-ज्यादा होने की गुंजाइश है। हालांकि, कई विश्लेषकों ने आर्थिक वृद्धि के लिए दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती का अनुमान जताया है, जबकि कुछ का कहना है कि महंगाई के चलते हो सकता है इस बार आरबीआई कोई बदलाव न करे। आचार्य ने भवन के एसपीजेआईएमआर द्वारा आयोजित एक वार्ता के दौरान कहा, ‘‘मेरे विचार में, एमपीसी को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए कि आपके पास एक वैधानिक जिम्मेदारी है। आप पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति की प्रमुख लक्षित दर को चार प्रतिशत के दायरे में बनाए रखने की जिम्मेदारी है।'' 

उन्होंने कहा कि हाल के फैसलों में वृद्धि हावी रही है, लेकिन वह मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के लिए महज एक दोयम उद्देश्य है। उन्होंने इसे आरबीआई और सरकार के बीच एक समझौते की संज्ञा दी। उन्होंने कहा, ‘‘आप अपनी वैधानिक जिम्मेदारी की प्रधानता को नहीं बदल सकते, जो आपको दी गई है। आपको इसका सम्मान करना होगा। यही लोकतांत्रिक जवाबदेही है।'' उन्होंने कहा कि मौजूदा मुद्रास्फीति ज्यादातर लोगों की उम्मीद से अधिक है। 
 

jyoti choudhary

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