फंसे कर्ज की समीक्षा के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों से मिलेंगे वित्त मंत्री

Sunday, Jun 11, 2017 - 01:49 PM (IST)

नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेतली फंसे कर्ज तथा उसकी तेजी से वसूली के लिए बैंकों की तरफ से उठाए गए कदमों के बारे में चर्चा के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ कल बैठक करेंगे। बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) 6 लाख करोड़ रुपए से पार कर गया है। इसके अलावा मंत्री सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन की भी समीक्षा करेंगे। चालू वित्त वर्ष में जेतली और बैंक प्रमुखों के बीच यह पहली बैठक है।  

बैंक नियमन कानून, 1949 में संशोधन के लिए पिछले महीने जारी अध्यादेश के बाद इस प्रकार की यह पहली बैठक है। सरकार ने इस अध्यादेश के जरिए रिजर्व बैंक को शोधन तथा फंसे कर्ज की वसूली करने की कार्यवाही शुरू करने के लिए बैंकों को निर्देश देने का अधिकार दिया है। साथ ही एनपीए संकट के समाधान के लिए और उपायों का वादा किया गया है।  

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘बैठक के एजेंडे में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) से संबंधित मुद्दों का समाधान, एमएसई ऋण की स्थिति, स्टैंड अप इंडिया तथा मुद्रा योजना समेत अन्य मुद्दे शामिल हैं।’’ इसके अलावा एजेंडे में वित्तीय समावेश तथा साक्षरता, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना समेत अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाआें की समीक्षा शामिल है। पूरे दिन चलने वाली बैठक में साइबर सुरक्षा, बैंक लेन-देन का डजिटलीकरण, ग्रामीण विकास, कृषि रिण तथा शिक्षा ऋण जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा।  

वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के क्रियान्वयन में बैंकों की भूमिका और तैयारी पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। जी.एस.टी. एक जुलाई से लागू होने वाला है। उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का फंसा कर्ज वित्त वर्ष 2016-17 में अप्रैल-दिसंबर के दौरान एक लाख करोड़ रुपए से अधिक बढ़कर 6.06 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया। 

Advertising