किसानों की भागीदारी बढ़ी, 5 मिलियन से अधिक ने FPOs में हिस्सेदारी ली
punjabkesari.in Monday, Sep 15, 2025 - 02:14 PM (IST)

नई दिल्लीः किसानों द्वारा फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (FPOs) में हिस्सेदारी लेने का रुझान बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय स्तर पर कृषि उत्पादों का समेकन (aggregation) हुआ और उत्पादन लागत कम करने में मदद मिली। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में 5 मिलियन से अधिक किसानों ने 10,000 से अधिक FPOs में इक्विटी ली है।
कुल शेयरधारकों में से 50% हिस्सा केवल पांच राज्यों—तेलंगाना (0.67 मिलियन), उत्तर प्रदेश (0.59 मिलियन), आंध्र प्रदेश (0.57 मिलियन), मध्य प्रदेश (0.32 मिलियन) और महाराष्ट्र (0.3 मिलियन) का है। इनमें महिला किसानों का हिस्सा 38% है।
सरकारी अधिकारी ने बताया कि FPOs में शेयरहोल्डिंग बढ़ने से छोटे और सीमांत किसानों का सामूहिकीकरण हुआ है। इसके सदस्य किसानों को सस्ते कृषि इनपुट, जैसे उर्वरक, फसल संरक्षण उत्पाद और उपकरण उपलब्ध हो रहे हैं।
योजना और वित्तीय सहायता
फरवरी 2020 में 10,000 FPOs के गठन के लिए 6,865 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था के साथ यह योजना शुरू की गई थी। सरकार FPOs को प्रत्येक सदस्य किसान के लिए 2,000 रुपए तक का मैचिंग ग्रांट देती है, जबकि प्रति FPO अधिकतम सीमा 15 लाख रुपए है। इसके अलावा योजना के तहत प्रति FPO तीन वर्षों के लिए 18 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता भी दी जाती है।
बढ़ती बिक्री और बाजार पहुंच
वित्त वर्ष 2025 में 340 FPOs ने 10 करोड़ रुपए से अधिक का बिक्री टर्नओवर दर्ज किया, जबकि 1,100 से अधिक किसान संगठनों की बिक्री 1 करोड़ रुपए से ऊपर रही। इन FPOs का सकल टर्नओवर 15,282 करोड़ रुपए पार कर चुका है।
ये किसान संगठन कंपनियों अधिनियम, 2013, राज्य सहकारी सोसायटी अधिनियम या मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं।
लाइसेंस और ई-मार्केट में उपस्थिति
- 5,880 से अधिक FPOs के पास बीज लाइसेंस है।
- 5,500 से अधिक FPOs उर्वरक वितरण का लाइसेंस प्राप्त कर चुके हैं।
- 400 से अधिक FPOs के पास एग्रोकेमिकल्स की डीलरशिप है, जिससे सदस्य किसानों को डीलर डिस्काउंट का लाभ मिलता है।
- 200 से अधिक FPOs अपने उत्पाद GeM, Amazon और Flipkart जैसी प्लेटफॉर्म पर बेच रहे हैं।
पिछले पांच वर्षों में केंद्रीय योजना के तहत गठित कई FPOs ने तिलहन, दलहन और अनाज की खरीद एमएसपी के तहत भी की है।