हीरे की चमक के पीछे फर्जीवाड़ा, गीतांजलि पर FIR

punjabkesari.in Saturday, Feb 17, 2018 - 09:39 AM (IST)

नई दिल्लीः हीरे के चमक के पीछे फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। सी.बी.आई. ने पंजाब नैशनल बैंक में 11,400 करोड़ रुपए के साख पत्र जारी करने के कथित धोखाधड़ी के मामले में गीतांजलि समूह व उसके प्रवर्तक मेहूल चोकसी के खिलाफ नई प्राथमिकी (एफ.आई.आर.) दर्ज की है। यह मामला पंजाब नैशनल बैंक की मुम्बई शाखा से जारी 143 साख पत्रों से जुड़ा है। इससे पहले एजैंसी ने 280 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी से संबंधित मामला दर्ज किया था। अब यह मामला नीरव मोदी और चोकसी की कंपनियों को जारी 6498 करोड़ रुपए के एल.ओ.यू. तक पहुंच चुका है।

549 करोड़ रुपए के आभूषण जब्त
एफ.आई.आर. दर्ज करने के बाद सी.बी.आई. ने 6 शहरों में 26 स्थानों पर गीतांजलि समूह की 18 अनुषंगियों के ठिकानों पर छापेमारी की। एजैंसी ने मुम्बई, पुणे, सूरत, जयपुर, हैदराबाद और कोयंबटूर में गीतांजलि समूह व नीरव मोदी के कई परिसरों पर छापेमारी की है। छापेमारी के दौरान 549 करोड़ रुपए का सोना, हीरे और जवाहरात जब्त किए गए। अब तक 5649 करोड़ रुपए की सम्पत्ति जब्त की जा चुकी है।

दोनों के पासपोर्ट रद्द
आयकर विभाग ने मोदी, उसके परिवार और कंपनियों से जुड़ी 29 संपत्तियां और 105 बैंक खाते कुर्क किए। इस बीच विदेश मंत्रालय ने नीरव दीपक मोदी और मेहुल चिनुभाई चोकसी के पासपोर्ट तत्काल प्रभाव से 4 सप्ताह के लिए रद्द कर दिए हैं। देश छोड़कर भागने वाले मोदी व उनके परिवार का पता लगाने के लिए सी.बी.आई. ने इंटरपोल से संपर्क साधा है। पंजाब नैशनल बैंक ने कहा है कि नीरव मोदी द्वारा 11,400 करोड़ रुपए की कथित धोखाधड़ी सामने आने के 4 दिन बाद ही उसने भारतीय रिजर्व बैंक तथा सी.बी.आई. को धोखाधड़ी की पहली सूचना दी। बैंक ने इस बारे में नियामकी खुलासा 10 दिन बाद किया।

बैंक के 18 अधिकारी निलम्बित
अपनी शिकायत में पी.एन.बी. ने आरोप लगाया है कि उसकी मुम्बई की एक शाखा से नीरव मोदी और मेहूल चोकसी की कंपनियों को धोखाधड़ी से 11,400 करोड़ रुपए के 293 साख पत्र जारी किए गए। इस बीच पी.एन.बी. ने 8 और अधिकारियों को निलम्बित कर दिया है। इस तरह कुल निलम्बित अधिकारियों की संख्या 18 हो गई है। धन शोधन जांच के तहत मोदी व चोकसी को सम्मन जारी किया गया। इसके अलावा जांच एजैंसी ने पी.एन.बी. के 4 अधिकारियों बेचू तिवारी (नरीमन प्वाइंट शाखा में फरवरी 2015-17 के दौरान मुख्य प्रबंधक), उप-महाप्रबंधक संजय कुमार प्रसाद, जो 2016-17 के दौरान ब्रैडी हाऊस शाखा में सहायक महाप्रबंधक थे, जोनल ऑडिट कार्यालय में मुख्य प्रबंधक मोङ्क्षहद्र कुमार शर्मा (जो नवम्बर, 2015 से जनवरी, 2017 तक संयुक्त रूप से ऑडिटर भी थे), मनोज खराट (जो नवम्बर, 2014 से दिसम्बर, 2017 तक सिंगल विंडो ऑप्रेटर थे) से पूछताछ की। जांच अधिकारी ने कहा कि उप-महानिरीक्षक के तहत एक विशेष टीम का गठन किया गया है जो इस मामले की जांच करेगी। 


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