कोरोना के चलते इस साल बिगड़ेगी बैंकों की वित्तीय सेहत, बढ़ सकता है NPA

Monday, Apr 06, 2020 - 02:57 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कोरोना वायरस के चलते आर्थिक मंदी से देश में 2020 के दौरान बैंकों के गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) अनुपात में 1.9 फीसदी और ऋण लागत अनुपात में 1.3 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के अनुसार, ‘‘कोरोना वायरस संकट के चलते एशिया-प्रशांत बैंकों की ऋण लागत में 300 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हो सकती है।’’ उसके मुताबिक चीन का एनपीए अनुपात लगभग दो फीसदी बढ़ेगा, जबकि ऋण लागत अनुपात में एक फीसदी की बढ़ोतरी होगी। 

लंबे समय तक रह सकता है कोरोना का असर
रेटिंग एजेंसी के क्रेडिट विश्लेषक गेविन गुनिंग ने कहा कि भारत में एनपीए अनुपात लगभग चीन के समान (1.9 फीसदी) रह सकता है, लेकिन ऋण लागत अनुपात अधिक बुरा होकर करीब 1.3 फीसदी बढ़ सकता है। गनिंग ने कहा कि ऐसी चिंताएं भी हैं कि कोरोना वायरस आगे और तेजी से फैलेगा और उसका असर लंबे समय तक रह सकता है। 

2020 में बढ़ेगी आर्थिक तकलीफ
उन्होंने कहा, ‘‘इससे 2020 में आर्थिक तकलीफ और बढ़ेगी, जिसका अनुमान हम पहले ही लगा चुके हैं। वित्तीय दशाएं और खराब हो सकती हैं, क्योंकि निवेशक जोखिम से बचने की कोशिश करेंगे। इससे बैंकों द्वारा दिया गया कर्ज प्रभावित होगा।’’

सरकारी बैंकों के लिए सरकार को करनी होगी पूंजी की व्यवस्था
इन बैंकों को पूंजीगत मदद करने के​ लिए केंद्र सरकार को 20,000 से 25,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था करनी होगी। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि स्थिति बेहतर नहीं होती है तो यह रकम और भी बढ़ सकती है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'फंसा कर्ज चिंता का एक विषय बन सकता है। ऐसे में सरकार को पर्याप्त पूंजी की व्यवस्था करनी होगी।'

पिछले साल में सरकारी ने दिए हैं 3.5 लाख करोड़ रुपए
बीते 5 साल में केंद्र सरकार ने इन सरकारी बैंकों में 3.5 लाख करोड़ रुपए डाला है ताकि इनकी स्थिति बेहतर हो सके। फरवरी में चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में सरकार ने बैंकों कों पूंजीगत निवेश के बारे में कोई ऐलान नहीं किया था लेकिन बैंकों को कहा गया था कि वो फंड के लिए कैपिटल मार्केट के विकल्प पर भी ध्यान दें।
 

jyoti choudhary

Advertising