शेयर बाजार में गिरावट पर वित्त सचिव ने दिया बड़ा बयान

Monday, Feb 05, 2018 - 03:52 PM (IST)

नई दिल्लीः शेयर बाजार में लगातार जारी गिरावट को लेकर वित्त सचिव हसमुख अधिया ने आज सफाई दी और कहा कि यह दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर लगाने के कारण नहीं है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आई गिरावट के चलते है। अधिया ने कहा कि सरकार ने 10 प्रतिशत की (रियायती दर) से यह कर लगाया है। इसके विपरीत असूचीबद्ध शेयरों और अचल संपत्तियों की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर कर की दर 20 प्रतिशत है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा बजट-बाद आयोजित एक बैठक में अधिया ने कहा, यह बड़ा दुर्भाग्य है कि हमारा यह निर्णय ऐसे गलत समय पर आया जबकि वैश्विक बाजारों में गिरावट का दौर चल रहा है। दुनिया भर के शेयर बाजारों में परस्पर मजबूत संबंध है। पिछले सप्ताह सभी देशों के शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांक 3.4 प्रतिशत तक नीचे आ गए। उन्होंने कहा, अगर पूरे विश्व के शेयर सूचकांक में 3.4 प्रतिशत की गिरावट आई है, तो भारतीय बाजार पर इसका असर पडऩा स्वाभाविक है। भारत में गिरावट एलटीसीजी कर के कारण नहीं है। निवेशकों की ओर से लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में भारी मुनाफावसूली से आज शुरुआती कारोबार में सैंसेक्स और निफ्टी 1.6 प्रतिशत तक गिर गए। 2018-19 के बजट में एक अप्रैल से एक लाख रुपए से अधिक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर लगाया गया था। हालांकि, 31 जनवरी 2018 तक के सभी लाभों पर कोई कर नहीं लगेगा। उन्होंने कहा, हमने एक निर्धारित तिथि तक कर में छूट दी है। फिर किसी को परेशान होकर शेयर क्यों बेचने चाहिए जबकि हमारे पास छूट है तो फिर बेचने में जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए।

अधिया ने कहा, ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे शेयरों को तुरंत बेचा जाए। इसलिये शेयरों की बिकवाली एलटीसीजी का असर नहीं है। अधिया ने कहा कि प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) से सरकार की आय केवल 9,000 करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा, इक्विटी बाजार में लघु अवधि पूंजीगत लेनदेन की संख्या अधिक है इसलिए सरकार की 9,000 करोड़ की आय का ज्यादातर हिस्सा लुघ अवधि के सौदों से आता है। वर्तमान में एक साल के भीतर शेयर बिक्री में हुए लाभ पर लघु अवधि पूंजीगत लाभ कर की दर 15 प्रतिशत है। अभी तक शेयरों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को कर मुक्त रखा गया था। उल्लेखनीय है कि बजट 2018-19 में 14 साल बाद फिर से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर का प्रस्ताव किया गया है।            

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