ऑटो सेक्टर में मंदी को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ओला-उबर को ठहराया जिम्मेदार

Tuesday, Sep 10, 2019 - 07:04 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी की मार झेल रहा है और सरकार के मंत्री इस पर अलग-अलग तरह की सफाई दे रहे हैं। अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की दलील है कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री BS6 स्टैंडर्ड और मिलेनियल्स के माइंड सेट से प्रभावित है। सीतारमण ने कहा कि मिलेनियल आजकल गाड़ी खरीदने की जगह ओला-उबर को तवज्जो दे रहे हैं।

EMI से ज्यादा पसंद है ओला, उबर
सीतारमन ने कहा कि आजकल लोग गाड़ी खरीदकर ईएमआई भरने से ज्यादा मेट्रो में सफर करना या ओला-उबर का उपयोग करना पसंद करते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि इस सेक्टर में गिरावट एक गंभीर समस्या है और इसका हल निकाला जाना चाहिए। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर वित्त मंत्री पत्रकारों से बात कर रही थीं।

वित्त मंत्री ने कहा, 'हम सभी सेक्टर्स की समस्याओं को लेकर गंभीर हैं और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। यह सरकार सबकी सुनती है। अगस्त और सितंबर में दो बड़े ऐलान किए गए, जरूरत के मुताबिक और भी घोषणाएं की जा सकती है।'

मारुति के चेयरमैन ने बताई थी यह वजह
मारुति के चेयरमैन आरसी भार्गव ने इस बात से इनकार किया था कि ओला, उबर की वजह से कारों की बिक्री पर प्रभाव पड़ा है। उन्होंने इसके लिए सरकार की नीतियों को भी जिम्मेदार ठहराया। भार्गव ने बताया कि पेट्रोल-डीजल की ऊंची टैक्स दर और रोड टैक्स की वजह से भी लोग कार खरीदने से कतराने लगे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि जीएसटी की कटौती से इसमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। वहीं इंडस्ट्री इस सुस्ती से निपटने के लिए जीएसटी कट की मांग कर रही है।

मारुति के चेयरमैन ने कहा कि कारों में एयरबैग्स और एबीएस जैसे सेफ्टी फीचर्स जोड़ने की वजह से कीमतें बढ़ गईं और कार दोपहिया वाहन चलाने वालों की पहुंच से दूर हो गई। भार्गव ने कहा था कि ओला, उबर इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं बल्कि सख्त सेफ्टी व एमिशन नियम, बीमा की ज्यादा लागत और अतिरिक्त रोड टैक्स इसे प्रभावित कर रहा है।

अगस्त में ऑटो सेल्स 31.57% गिरी
सियाम के अनुसार, भारत में यात्री वाहन की बिक्री में अगस्त महीने में गिरावट 1998 के बाद अब तक की सबसे बड़ी है। इस साल अगस्त में लगातार 10वें महीने ऑटो कंपनियों के सेल्स में गिरावट दर्ज की गई। अगस्त में ऑटो सेल्स 31.57 फीसदी गिरी है। पिछले साल अगस्त में जहां करीब तीन लाख यात्री वाहन बिके थे वहीं इस साल करीब दो लाख ही बिके हैं। यह गिरावट तब है जब सरकार ऑटो इंडस्ट्री को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
 

jyoti choudhary

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