तेल की कीमतों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली का विपक्ष पर निशाना
Saturday, Oct 06, 2018 - 02:20 PM (IST)
नई दिल्लीः पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष को निशाने पर लिया है। उन्होंने तेल की कीमतों में वृद्धि के पीछे मौजूद अंतरराष्ट्रीय कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि से उत्पन्न चुनौतियों को कुछ विपक्षी नेताओं के ट्वीट्स और टीवी पर दिए जाने वाले बयानों से कम नहीं किया जा सकता है। यह समस्या गंभीर है। तेल उत्पादक देशों ने उत्पादन को सीमित कर दिया है और इसलिए डिमांड-सप्लाई में अंतर पैदा हुआ है।
जेटली ने बताए अंतरराष्ट्रीय कारण
जेटली ने फेसबुक पर लिखे ब्लॉग में अंतरराष्ट्रीय कारणों का विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा, 'वेनेजुएला और लिबिया में राजनीतिक संकट ने उन देशों के तेल उत्पादन पर बुरा असर डाला है। ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों ने इसके बायर्स के लिए आपूर्ति अनिश्चितता को बढ़ा दिया है। क्रूड ऑइल की कीमतों पर लगाम के उद्देश्य से लाए जाने वाला शेल गैस का कमर्शल उत्पादन शेड्यूल से पीछे है।'
राहुल और सहयोगियों पर निशाना
जेटली ने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती और OMC के साथ मिलकर उपभोक्ताओं को 2.50 रुपए प्रति लीटर की राहत देने का जिक्र करते हुए कहा कि अभी कई गैर बीजेपी और गैर एनडीए राज्यों ने उपभोक्ताओं को राहत नहीं दी है। उन्होंने कहा, 'जब जनता को राहत देने की बात आती है तो क्या राहुल गांधी और उनके अनिच्छुक सहयोगी केवल ट्वीट और टेलिविजन बयानों तक प्रतिबद्ध हैं। 2017 और 18 में गैर बीजेपी शासित राज्यों ने लोगों को अपने राजस्व से कुछ राहत देने से इनकार कर दिया। वे ट्वीट करते हैं और टीवी पर बयान देते हैं, लेकिन जब परफॉर्मेंस की बात आती है तो दूसरी ओर देखने लगते हैं।'
विपक्ष पर जेटली ने बोला हमला
उन्होंने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, 'विपक्ष के आलोचक कच्चे तेल में तेजी का राजनीतिक फायदा उठाते हैं। यह उनके बयानों से भी साफ होता है। कल जब तेल की कीमतें घटाई गईं, आलोचकों ने कहा मुंह घुमा लिया और तर्क दिया कि यह खराब अर्थव्यवस्था है।'
जेटली बोले, जनता को दी है राहत
वित्त मंत्री ने जनता को राहत पहुंचाने वाले कदमों का जिक्र करते हुए लिखा, 'कोई भी सरकार जनता के प्रति संवेदनहीन नहीं हो सकती है। पिछले चार बजट में मोदी सरकार ने छोटे और मध्यम टैक्स पेयर्स जनसंख्या को हर साल लगातार कुछ राहत दी है। इन छूटों का संचीय प्रभाव सालाना 97,000 करोड़ रुपए है। पहले 13 महीनों में 334 वस्तुओं पर जीएसटी रेट्स में कटौती से उपभोक्ताओं को सालाना 80,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है।'