त्योहारी मांग और GST रिफॉर्म्स से फैक्ट्रियों में रफ्तार, अक्टूबर में PMI पहुंचा 59.2 पर
punjabkesari.in Monday, Nov 03, 2025 - 01:42 PM (IST)
नई दिल्लीः भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने अक्टूबर में शानदार प्रदर्शन किया है। एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) सितंबर के 57.7 से उछलकर अक्टूबर में 59.2 पर पहुंच गया। यह आंकड़ा बताता है कि त्योहारी सीजन की मजबूत मांग और जीएसटी दरों में कटौती ने उत्पादन गतिविधियों में नई जान फूंक दी है। पिछले सात महीनों में यह पांचवीं बार है जब PMI 58 के ऊपर गया है- जो लगातार विस्तार और लचीलेपन का संकेत देता है। 50 से ऊपर का PMI स्तर अर्थव्यवस्था में ग्रोथ को दर्शाता है।
तीसरी तिमाही की मजबूत शुरुआत
अक्टूबर के आंकड़े यह दिखा रहे हैं कि वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही की शुरुआत मजबूत रही है। यह तब है जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पहले ही संकेत दिया था कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में विकास दर कुछ धीमी पड़ सकती है।
वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8% की दर से बढ़ी थी जो पिछले पांच तिमाहियों में सबसे तेज़ रही। दूसरी तिमाही में आरबीआई को 7% की वृद्धि की उम्मीद है, जबकि वित्त वर्ष के अंत तक ग्रोथ रेट घटकर 6.2% तक आ सकती है। हालांकि, आरबीआई का मानना है कि दूसरी छमाही में औसतन 6.5% की वृद्धि दर बनी रहेगी।
वैश्विक संस्थाओं का भरोसा बरकरार
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत का आउटलुक मजबूत बना हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने हाल ही में भारत की विकास दर का अनुमान 6.4% से बढ़ाकर 6.6% कर दिया है।
वहीं, विश्व बैंक (World Bank) ने भी भारत की ग्रोथ फोरकास्ट को 6.3% से बढ़ाकर 6.5% कर दिया है।
इन अनुमानों से साफ है कि भारत वैश्विक मंदी की चुनौतियों के बीच भी एक उभरती हुई स्थिर अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
