फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर रुख, व्यापार परिदृश्य से तय होगी बाजार की दिशा

Sunday, Jun 16, 2019 - 05:56 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह भू राजनीतिक घटनाक्रमों, अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता तथा ब्याज दर पर फेडरल रिजर्व के फैसले से तय होने की संभावना है। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। उनका कहना है कि इस सप्ताह बाजार को दिशा देने के लिए घरेलू मोर्चे पर कोई खास संभावित कारक नहीं दिख रहे हैं। भारत ने 16 जून से अमेरिका के 28 उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है। ऐसे में निवेशकों की निगाह घरेलू व्यापार की स्थिति पर भी रहेगी। 

अमेरिका द्वारा भारत से आयातित कुछ इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाने की घोषणा के बाद 21 जून, 2018 को सरकार ने अमेरिकी उत्पादों पर भी जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की थी। हालांकि, इस मसले का कुछ हल निकलने की उम्मीद में भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क की समयसीमा को कई बार आगे बढ़ाया है। 

रेलिगेयर ब्रोकिंग के अध्यक्ष (खुदरा वितरण) जयंत मांगलिक ने कहा, ‘‘बाजार अभी वैश्विक धुन पर नाच रहा है। इसमें जल्दी बदलाव की उम्मीद नहीं है।'' जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि कमजोर वैश्विक बाजार के प्रभाव और अधिक मूल्यांकन तथा सुस्त अर्थव्यवस्था से बाजार को झटका लग रहा है। तेल टैंकर पर हमले को लेकर अमेरिका ईरान के बीच विवाद तथा अमेरिका चीन व्यापार वार्ता की प्रगति, फेडरल रिजर्व के रुख तथा मानसून की प्रगति पर निवेशकों की निगाह रहेगी।

कैपिटलएम के शोध प्रमुख रमेश तिवारी ने कहा, ‘‘वित्तीय क्षेत्र से ऋण भुगतान को लेकर नकारात्मक खबर से निवेशकों की धारणा प्रभावित हो रही है। ऐसे में बजट सत्र से पहले बाजार में बड़ी गिरावट आ सकती है।'' शुक्रवार को लगातार तीसरे सत्र में सेंसेक्स नीचे आया था। भारत द्वारा 29 अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा के बाद बाजार में बिकवाली का सिलसिला चला था। शनिवार को जारी अधिसूचना में भारत ने अखरोट, बदाम, कई प्रकार के दलहनों और बोरिक एसिड समेत 28 प्रकार के अमरीकी उत्पादों पर जवाबी कार्रवाई के तहत शुल्क बढ़ाया है जो रविवार से प्रभावी हो गया है। बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 163.83 अंक या 0.41 प्रतिशत के नुकसान से 39,452.07 अंक पर बंद हुआ। 

jyoti choudhary

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