चीन में महामारी के मामले बढ़ने से व्यापार पर असर पड़ने की आशंका

Wednesday, Mar 16, 2022 - 01:45 PM (IST)

बीजिंगः चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में अचानक आई तेजी के बीच पाबंदियां बढ़ने और कुछ वाहन एवं इलेक्ट्रॉनिक्स कारखानों के बंद होने से व्यापार पर असर पड़ने की आशंका पैदा हो गई है। हालांकि, चीन में संक्रमण के मामले अन्य बड़े देशों की तुलना में कम ही हैं लेकिन इसके अधिकारी इस पर फौरन काबू पाने के लिए ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति पर चल रहे हैं। 

इसी वजह से प्रशासन ने कई बड़े शहरों को अस्थायी रूप से बंद कर संक्रमितों की पहचान का काम तेज कर दिया है। इसके अलावा बंदरगाहों पर भी काफी सख्ती बरती जा रही है। शंघाई बंदरगाह की देखरेख करने वाली एजेंसी ने अब कागजात जमा करने का काम ऑनलाइन कर दिया है। इसके अलावा लिआनुंगांग बंदरगाह ने विदेशी नाविकों को परिसर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी है। शेंजेन ने सीमा-पार मालवहन सेवा को स्थगित कर दिया है।

आईएचएस मार्किट के मुख्य अर्थशास्त्री-एशिया राजीव विश्वास ने कहा कि शेंजेन में लॉकडाउन लगने से आपूर्ति-शृंखला में गतिरोध पैदा होने का बड़ा जोखिम है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर शंघाई के अधिकारी भी लॉकडाउन लगाने का फैसला करते हैं, तो वैश्विक आपूर्ति गतिरोध का जोखिम और बढ़ जाएगा।’’ 

चीन की मुख्य-भूमि पर कोविड-19 संक्रमण के नए मामले मंगलवार को दोगुने होकर 3,507 पहुंच गए। इनमें से तीन-चौथाई अकेले जिलिन प्रांत में थे। इसके साथ हांगकांग में सोमवार को संक्रमितों की संख्या 26,908 थी। शेंजेन एवं चांगचुन में खानपान, ईंधन एवं अन्य जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी कारोबार बंद करने के आदेश दिए गए हैं। बस एवं मेट्रो सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। वहां के लाखों निवासियों को संक्रमण की जांच कराने को कहा गया है।

इस स्थिति में फॉक्सवैगन, टोयोटा, फॉक्सकॉन और कुछ छोटी कंपनियों ने भी अस्थायी तौर पर उत्पादन बंद करने की घोषणा की है। हालांकि हुवावेई टेक्नोलॉजीज, ऐपल, जनरल मोटर्स और बीवाईडी ऑटो ने इस बारे में अभी प्रतिक्रिया नहीं दी। बैंक ऑफ अमेरिका के अर्थशास्त्रियों ने एक रिपोर्ट में कहा कि चीन में व्यापक स्तर पर लॉकडाउन का जोखिम बढ़ रहा है।
 

jyoti choudhary

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