मोदी की इस योजना में गड़बड़ी की आशंका, जांच की तैयारी में वित्त मंत्रालय

Sunday, May 27, 2018 - 09:48 AM (IST)

नई दिल्लीः मुद्रा लोन में बढ़ते एनपीए ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मुद्रा लोन का एनपीए अब 14 हजार 358 करोड़ का हो चुका है, यानी इस लोन को चुकाए जाने की संभावना बहुत कम है। यह राशि एनपीए के आंकड़े को और बढ़ाएगी। एनपीए को रोकने में लगे वित्त मंत्रालय और बैंकों के सामने रणनीति को लेकर चुनौती है।

वित्त मंत्रालय करेगा जांच
इस मामले में बैंकों ने सरकार और आरबीआई को साफ तौर पर बता दिया है कि मुद्रा लोन में एनपीए और बढ़ सकता है। बैंकों को सरकार और आरबीआई के अगले निर्देश का इंतजार है। सूत्रों के अनुसार बढ़ते एनपीए ने मुद्रा लोन देने के तौर तरीकों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। लोन देने में भी गड़बड़ी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। वित्त मंत्रालय इस नजरिए से भी जांच करने की तैयारी में है।

सरकार के पास नहीं है आंकड़े
मुद्रा योजना के तहत अब तक 12 करोड़ 78 लाख लोगों को लोन दिया जा चुका है। ये लोन तीन अलग अलग कैटिगरी शिशु, किशोर और तरुण के तहत दिए गए। शिशु कैटिगरी के तहत 50 हजार रुपए तक, किशोर के तहत 5 लाख रुपए तक और तरुण के तहत 5 लाख से 10 लाख रुपए तक के लोन दिए जाते हैं। किसी कारोबार को शुरू करने के लिए किशोर कैटिगरी का लोन यानी 5 से 10 लाख रुपए तक का लोन सबसे कारगर माना जाता है। लेकिन अब तक इस कैटिगरी में लोन पाने वालों की संख्या सिर्फ 1.3 फीसदी है। यानी 12 करोड़ 78 लाख लोगों में से सिर्फ 17 लाख 57 हजार लोगों को ही मोटी रकम का लोन मिला है। इसका मतलब है कि मुद्रा लोन लेकर कारोबार शुरू करने वालों की संख्या काफी कम है। सूत्रों के अनुसार सरकार के पास अभी इस बात के आंकड़े भी नहीं है कि मुद्रा लोन के जरिए कितने रोजगार मार्केट में आए।  

Supreet Kaur

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