2017-18 में 5 साल में सबसे कम रही FDI इनफ्लो की ग्रोथ रेट, सर्विस सेक्‍टर में 23% घटा निवेश

Sunday, Jul 15, 2018 - 05:25 PM (IST)

नई दिल्लीः देश के सेवा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 2017-18 में करीब 23 प्रतिशत गिरकर 6.7 अरब डॉलर रह गया। इससे पिछले वित्त वर्ष (2016-17) में एफडीआई के जरिए निवेश 8.68 अरब डॉलर था। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग ने यह जानकारी दी।

सेवा क्षेत्र में वित्त, बैंकिंग, बीमा, आउटसोर्सिंग, अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी), कूरियर, तकनीकी परीक्षण एवं विश्लेषण शामिल हैं। सभी क्षेत्रों में एफडीआई की वृद्धि दर 5 साल के निचले स्तर पर आ गई है। 2017-18 में एफडीआई प्रवाह 3 प्रतिशत की दर से बढ़कर 44.85 अरब डॉलर रहा।

डेलॉयट इंडिया के शीर्ष अर्थशास्त्री एवं पार्टनर अनीस चक्रवर्ती ने कहा कि अमेरिका जैसी अर्थव्यस्थाओं की ओर पुन: निवेश एफडीआई में सुस्ती का कारण हो सकती है।      उन्होंने कहा कि फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत दरें में वृद्धि करने की आशंका और शुल्क संबंधी मुद्दों के चलते इस वर्ष विदेशी निवेश में और गिरावट हो सकती है। केमिकल क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में भी मामूली गिरावट दर्ज की गई। 2017-18 में इस क्षेत्र में एफडीआई प्रवाह 1.30 अरब डॉलर रहा, जो 2016-17 में 1.39 अरब डॉलर था।

उल्लेखनीय है कि सेवा क्षेत्र का देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। एफडीआई भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर परिवर्तन के लिए आगामी वर्षों में काफी अधिक निवेश की आवश्यकता होगी। विदेशी निवेश में गिरावट की वजह से देश के सामने भुगतान-संतुलन के मोर्चे पर कठिनाई खड़ी हो सकती है और इसका असर रुपए के मूल्य पर भी पड़ सकता है।
 

jyoti choudhary

Advertising