‘फास्टैग’ नहीं लगने देगा टोल प्लाजा पर वाहनों की ‘ब्रेक’

Thursday, Aug 02, 2018 - 12:55 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः फास्टैग एक ऐसा टैग है जिसका प्रयोग टोल प्लाजा पर टोल का भुगतान करने के लिए किया जाता है। इस कारण टोल बैरियर पर भीड़ जमा नहीं होती और वाहन बिना रुके वहां से गुजर जाते हैं। यानी फास्टैग लगे वाहनों की टोल प्लाजा पर ‘ब्रेक’ नहीं लगेगी। फास्टैग  लगे वाहन का टोल भुगतान वाहन मालिक के खाते में से अपने-आप कट कर टोल कम्पनी के खाते में आ जाता है। फास्टैग रेडियो फ्रीक्वैंसी आईडैंटीफिकेशन (आर.एफ.आई.डी.) तकनीक पर आधारित है और इसे प्रीपेड खातों से लिंक किया जाता है।

टैग को वाहन की विंड स्क्रीन पर लगाया जाता है और टोल गेट पर लगे आर.एफ.आई.डी. एंटीना इसके क्यू.आर. कोड को स्कैन कर लेते हैं तथा ऑटोमैटिक तरीके से टोल का भुगतान हो जाता है। भुगतान के बाद बूम बैरियर अपने आप खुल जाता है और वाहन वहां बिना रुके आगे बढ़ जाते हैं। टैग 5 साल के लिए वैलेड होते हैं। वाहन की श्रेणी मुताबिक यह 7 अलग-अलग रंगों में आते हैं। हालांकि आर.एफ.आई.डी. एंटीना की रेंज सिर्फ 6 मीटर है जिस कारण वाहन की रफ्तार को कुछ कम करना पड़ता है ताकि टैग सही तरीके स्कैन हो सके। सूत्रों के मुताबिक आधुनिक तकनीक के साथ इसकी स्कैनिंग सामर्थ्य बढ़ाने पर विचार चल रहा है ताकि टोल बैरियर से निकलने के लिए वाहन की रफ्तार कम न करनी पड़े।

कैसे प्राप्त करें फास्टैग
फास्टैग  1 दिसम्बर, 2017 के बाद बिकी कारों और ट्रक आदि के लिए जरूरी है। नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ  इंडिया (एन.एच.ए.आई.) ने 20 बैंकों के साथ समझौता किया है ताकि लोग अपने कार्ड और पुराने वाहन मालिक भी फास्ट टैग खरीद सकें। टोल प्लाजों पर स्थापित क्योसक्स से फास्टैग  प्राप्त किए जा सकते हैं। डिवाइस की कीमत बैंकों ने अलग-अलग निर्धारित की है परन्तु औसतन अंदाजे अनुसार 600 रुपए का भुगतान कर डिवाइस प्राप्त किया जा सकता है जिसमें 200 रुपए टोल प्लाजा पर ट्रांजैक्शन के तौर पर और बाकी की राशि डिवाइस की लागत तथा बैंक फीस के अंतर्गत शामिल है। सरकारी सूत्रों के अनुसार सरकार इसकी फीस घटाने के लिए बैंकों के साथ बातचीत कर रही है। 

Supreet Kaur

Advertising