कोरोना के बीच खेती पर मंडराया खतरा, केंद्र ने राज्यों और इंडस्ट्री को किया सतर्क

Sunday, Aug 09, 2020 - 02:50 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः केंद्र ने राज्यों, इंडस्ट्री और अनुसंधान संस्थानों को संदिग्ध सीड पार्सल्स (suspicious/unsolicited seed parcels) के बारे में सतर्क रहने को कहा है। इनमें इस तरह के बीज हो सकते हैं जो देश की जैव विविधता (biodiversity) के लिए खतरा हो सकते हैं। कृषि मंत्रालय ने इस बारे में जारी निर्देश में कहा है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान दुनिया के कई देशों में इस तरह के संदिग्ध बीजों के हजारों पार्सल भेजे गए हैं। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड, जापान और कुछ यूरोपीय देशों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। ये पार्सल अज्ञात स्रोतों से भेजे जा रहे हैं और इनमें भ्रामक लेबल लगाए जा रहे हैं।

अमेरिका ने बताया एग्रीकल्चल स्मगलिंग 
मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका के कृषि विभाग (USDA) ने इन्हें brushing scam और एग्रीकल्चल स्मगलिंग बताया है। उसका भी कहना है कि संदिग्ध सीड पार्सल्स में ऐसे बीज या पैथोजन हो सकते हैं जो पर्यावरण, खेती और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं। इस तरह के सीड पार्सल देश की जैव विविधता के लिए खतरा हो सकते हैं। इसलिए सभी राज्यों के कृषि विभागों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, सीड एसोसिएशनों, स्टेट सीड सर्टिफिकेशन एजेंसियों, सीड कॉरपोरेशनों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और उसके संस्थानों को ऐसे संदिग्ध पार्सलों से सावधान रहने की सलाह दी जाती है।

अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत
कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'हम पहले ही चीन से पैदा हुई कोविड-19 महामारी से जूझ रहे हैं। अब अगर बीजों के जरिए कोई महामारी आती है तो फिर इसे संभालना मुश्किल हो जाएगा। हमें अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है।'

अलर्ट रहने के निर्देश
कृषि मंत्रालय के निर्देश पर टिप्पणी करते हुए फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री इन इंडिया के डायरेक्टर जनरल राम कौदिन्य ने कहा कि अभी यह केवल अलर्ट है कि बीजों के जरिए प्लांट डिसीजेज को फैलाया जा सकता है। इसे सीड टेरोरिज्म कहना ठीक नहीं हैं क्योंकि बीज के जरिए बीमारी फैलाने की सीमाएं हैं लेकिन फिर भी खतरा तो है। उन्होंने कहा कि ऐसे पार्सल्स के जरिए आने वाले बीज खरपतवार हो सकते हैं जो भारत के मूल पेड़-पौधों के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
 

jyoti choudhary

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