किसानों के आएंगे अच्छे दिन! मार्च-अप्रैल से बढ़ सकती है आमदनी

punjabkesari.in Wednesday, Jan 22, 2020 - 11:32 AM (IST)

बिजनेस डेस्क: साख निर्धारण तथा बाजार अध्ययन कंपनी क्रिसिल ने अगले वित्त वर्ष में ग्रामीण मांग में सुधार का अनुमान जताते हुए कहा कि इससे रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली वस्तुओं (एफ.एम.सी.जी.) का कारोबार जोर पकड़ेगा यानी इस सैक्टर में बूम आएगा और यह उद्योग दहाई अंक की विकास दर हासिल कर लेगा। क्रिसिल द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया कि इस साल मार्च-अप्रैल से किसानों की आमदनी बढऩे से ग्रामीण आय में धीरे-धीरे वृद्धि होगी। पिछले साल बेहतर मानसून के बाद अभी जलाशयों में जमा पानी का स्तर अच्छा है। रबी उत्पादन भी 7-8 प्रतिशत बढऩे की उम्मीद है।  रिपोर्ट के अनुसार आमदनी बढऩे से ग्रामीण इलाकों में मांग भी बढ़ेगी, हालांकि शहरी इलाकों में मांग में सुस्ती बनी रहेगी। 

 

राजस्व में ग्रामीण क्षेत्र की हिस्सेदारी लगभग 50 प्रतिशत
ग्रामीण मांग बढऩे से अगले वित्त वर्ष में एफ.एम.सी.जी. क्षेत्र का कारोबार 10-11 प्रतिशत की दर से बढऩे की उम्मीद है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 8-9 प्रतिशत की दर से बढऩे का अनुमान है। एजेंसी ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में ग्रामीण मांग कम रहने तथा थोक बिक्री के चैनल में नकदी की कमी के कारण एफ.एम.सी.जी. क्षेत्र का कारोबार प्रभावित हुआ। इस क्षेत्र के राजस्व में ग्रामीण क्षेत्र की हिस्सेदारी लगभग 50 प्रतिशत है। वित्त वर्ष की पहली छमाही में कृषि के सकल घरेलू उत्पाद में महज 2 प्रतिशत की विकास दर और कम उत्पादन के कारण ग्रामीण इलाकों में मांग कमजोर हुई।

 

शहरी इलाकों में बनी रहेगी मांग में सुस्ती 
क्रिसिल के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा कि सरकार द्वारा ग्रामीण बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने से ग्रामीण आय में सुधार होगा जिससे एफ.एम.सी.जी. उत्पादों की मांग बढ़ेगी। शहरी इलाकों में एफ.एम.सी.जी. कारोबार का राजस्व 8 प्रतिशत की दर से पहले की तरह बढ़ता रहेगा। यानी कि शहरी इलाकों में मांग में सुस्ती बनी रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि एफ.एम.सी.जी. क्षेत्र के उपक्षेत्रों में पैकेज्ड खाद्य उत्पादों के कारोबार की वृद्धि दर सबसे ज्यादा बनी रहेगी। यह चालू वित्त वर्ष में 9-10 प्रतिशत है जो अगले वित्त वर्ष में 11-12 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। सौंदर्य एवं घरों की साफ-सफाई आदि के उत्पादों का कारोबार मौजूदा 6-7 प्रतिशत की बजाय अगले वित्त वर्ष में 8-9 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। 


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vasudha

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