नोटबंदी से किसान बेहाल

Monday, Dec 12, 2016 - 04:35 PM (IST)

नई दिल्लीः नोटबंदी को महीना भर बीत चुका है और हालात वैसे नहीं हैं जैसै सरकार ने सोचे थे। मोदी सरकार द्वारा बड़े नोट बंद करने के बाद इसका असर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। नोट बंदी का असर अब किसानों पर पड़ रहा है। अनाज मंडी में धान की उपज लेकर आने वाले किसानों को व्यापारी नगद भुगतान नहीं दे पा रहे हैं, जिसके कारण वो फसल के परिवहन पर होने वाला खर्चा भी नहीं निकाल पा रहे हैं, वही दूसरी तरफ बीज और खाद के रुपए न होने के कारण उनके सामने रबी की फसल का संकट खड़ा हो गया है।

मंडियों में किसान अपना अनाज इस उम्मीद से बेचने के लिए आ रहा है कि उन्हें वहां से कैश मिल जाए तो वह अपने घर का खर्च चला सके लेकिन व्यापारी उनके अनाज को खरीद तो रहा है, लेकिन उसका भुगतान हफ्ते भर बाद दे रहा है, वह भी चेक के माध्यम से। ऐसी स्थिति में किसान इस बात को लेकर परेशान है कि वह अपने खेतों में काम करे या उस चेक को लेकर बैंकों की लाइन में लगे। यदि वह उस चेक को बैंक में जमा भी कर रहा है तो चेक को क्लियर होने में पूरा सप्ताह लग रहा है।

कुछ किसान इस बात से परेशान है कि उनका चेक क्लियर हो गया है, लेकिन बैंकों में कैश न होने के कारण कई-कई घंटे लाइन में लगने के बाद भी खाली हाथ लौटना पड़ता है। इस संबंध व्यापारियों का कहना है कि वह भी कैश न होने के कारण परेशान है इसलिए किसानों को भुगतान चैक से कर रहे हैं, लेकिन वह खुद मान रहे हैं कि चैक से किसान पूरे पैसे नहीं निकाल पा रहा है। नोटबंदी से किसान, मजदूर और व्यापारी तीनों के सामने संकट खड़ा है।

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