बजट से क्या चाहते हैं देश के किसान?

Saturday, Jan 21, 2017 - 10:48 AM (IST)

नई दिल्लीः बजट सामने है और उम्मीदों का अंबार भी। लेकिन किसानों के लिए ये बजट कैसा होगा और कैसा होना चाहिए इसकी झलक दिखी हाल ही में वित्त मंत्रालय के उस पोल में जहां पूछा गया था कि बजट का किस पर फोकस हो। इस पोल में 50 फीसदी से ज्यादा लोगों ने किसानों के नाम पर अपनी सहमति जताई। यानि सरकार किसानों और खेती पर फोकस कर सकती है।

कर्ज माफी चाहते हैं किसान
सरकार किसानों की आमदनी दोगुना करना चाहती है ऐसा देश के प्रधानमंत्री का वादा है। लेकिन बात बजट को किसानों पर फोकस करने की हुई है तो वित्त मंत्रालय के पोल को सामने रखकर हमने किसानों से पूछा, क्या है उनकी उम्मीदें और क्या हैं उनकी मांगे। कर्ज माफी किसानों की फेहरिस्त में सबसे आगे है। सस्ती खाद, सस्ती बिजली, सिंचाई की व्यवस्था और बीज से लेकर संगठित बाजार और उनके उत्पादों का उचित मूल्य सब उनकी लिस्ट में है।

देश में एक्सपोर्ट में गिरावट 
गौरतलब है कि ग्लोबल कृषि उत्पादन में भारत की 7.7 फीसदी हिस्सेदारी है। भारत में सालाना करीब 25 करोड़ टन अनाज का उत्पादन होता है। देश में सालाना 30-70 फीसदी तक दाल और खाने के तेल इंपोर्ट होता है। देश की करीब 40 फीसदी भूमि में सिंचाई की व्यवस्था है। खराब रख-रखाव से देश में सालाना 80,000 करोड़ का अनाज बर्बाद होता है। इधर देश में फूड इंपोर्ट बिल बढ़ा है जबकि एक्सपोर्ट गिरा है। देश में पशुपालन में साफ योजना का अभाव है। कृषि बाजार में पारदर्शिता का अभाव है और कृषि बाजार में बिचौलियों का मकड़जाल फैला हुआ है। जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी में गिरावट देखने को मिल रही है।

बैंकिंग व्यवस्था मजबूत करनी चाहिए
जानकारों का कहना है कि किसानों की उम्मीदें पूरी करने के लिए सरकार को कृषि पैदावार बढ़ाने पर फोकस करना होगा। इसके लिए जल और मिट्टी संरक्षण की जरूरत है। देश में कृषि बाजारों का आधुनिकीकरण जरूरी है। ग्रामीण इलाकों में मजबूत बैंकिंग व्यवस्था पर जोर देना होगा और एसएसपी को और व्यावहारिक बनाना होगा। कृषि रिसर्च को भी बढ़ावा देने की सख्त जरूरत है।

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