2016-17 में सरकारी योजनाओं का हाल- किसान कहीं मुआवजे तो कहीं सबसिडी से वंचित रह गए

Sunday, Apr 02, 2017 - 02:28 PM (IST)

नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2016-17 समाप्त हो गया है। इसके मद्देनजर 4 प्रमुख राज्यों में केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से चलाई जा रही कुछ बड़ी योजनाओं का जायजा लिया गया कि इन पर कितना काम हुआ है। जायजे में सामने आया है कि  कहीं किसान मुआवजे से तो कहीं सबसिडी से वंचित रह गए।

उत्तर प्रदेश
पूरा मुआवजा नहीं बंटा
1,76,65,918- किसान 2015 में बेमौसमी बारिश के शिकार हुए
रु. 1700 करोड़ केंद्र ने उनकी मदद के लिए आबंटित किए
रु. 1200 करोड़ अब भी राजकोष में जमा नहीं हो सका वितरण

अन्य योजनाओं का हाल
-रु. 132 करोड़ स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत आबंटित हुए। इसमें से मात्र 4 फीसदी खर्च
-रु. 843 करोड़ जय प्रकाश नारायण इंटरनैशनल सैंटर के लिए मिले, खर्च हुए मात्र 558 करोड़
-रु. 100 करोड़ खर्च करने में नाकाम रहा है परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा कोष के तहत
-रु. 1200 करोड़ एन.एच.आर.एम. के तहत मिले। इसमें से 150 करोड़ रुपए खर्च नहीं हुए
-रु. 11,000 करोड़ केंद्र ने सर्वशिक्षा अभियान के लिए जारी किए। मात्र 45 फीसदी हुआ खर्च

उत्तराखंड
90%- सबसिडी कृषि और बागवानी उपकरणों पर देने की योजना पर महज 10 फीसदी काम हुआ।
रु 30 लाख खाद्य सुरक्षा योजना के तहत ऊधम सिंह नगर के किसानों को देने थे पर नहीं बंटी राशि।
 463 नए निर्माण कार्य सर्वशिक्षा अभियान के तहत होने थे, पर इनमें से महज 6 का काम पूरा हुआ।

अन्य योजनाओं का हाल
-स्वास्थ्य, सीवरेज और पेयजल परियोजनाओं के लिए मिले 500 करोड़ रुपए खर्च नहीं हुए
350 करोड़ रुपए अमृत योजना के तहत 7 शहरों के लिए मिले, केवल 48 करोड़ खर्च हुए
नैनी सैनी एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का काम भी अधूरा, आबंटित राशि 48.19 करोड़ रुपए में से 46 करोड़ हुए खर्च

झारखंड
प्रधानमंत्री आवास योजना के पूरे मकान नहीं बने
-1.5 लाख मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने थे। 1.06 लाख का ही हुआ निर्माण
-164 किलोमीटर लम्बे रांची टाटा नैशनल हाईवे का
निर्माण पूरा किया जाना था पर बना सिर्फ आधा।

अन्य योजनाओं का हाल
-8,453 करोड़ रुपए केंद्रीय योजनाओं के लिए आबंटित, 2,305 करोड़ खजाने में बंद
-1,246 करोड़ रुपए कृषि क्षेत्र के लिए जारी किए गए थे। इसमें से 246 करोड़ खर्च नहीं हुए।

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