पिछले बजट में रेलवे के इनकम बढ़ाने के दावे हुए फेल

Thursday, Jan 26, 2017 - 04:21 PM (IST)

नई दिल्लीः साल 2016 रेलवे के लिए अच्छा नहीं रहा है। पिछले बजट में जहां आमदनी बढ़ाने के कई उपाय फेल हुए हैं, वहीं रेलवे के लिए खर्च निकालना मुश्किल हो रहा है। सेफ्टी के मसले पर भी रेलवे कुछ कर पाने में ना कामयाब साबित हुई है। वहीं बजट में की गई कई घोषणाएं या तो आधी-अधूरी हैं या अबतक लागू नहीं हो पाई हैं। रेलवे एक्सपर्ट भी रेल बजट की घोषणाओं पर सवाल उठा रहे हैं। जानते हैं बजट में किए गए दावों से कितनी पीछे रह गई सरकार।

आमदनी रही कम
यह वित्त वर्ष रेलवे के लिए कमाई के लिहाज से भी खराब रहा है। रेलवे ने इस साल के लिए ऑपरेटिंग रेश्यो का टारगेट 92 रखा था। लेकिन यह टारगेट हासिल करना मुश्किल लग रहा है। रेलवे अफसर मान रहे हैं कि साल के अंत तक 94 फीसदी का ऑपरेटिंग रेश्यो पाने में कामयाब रहेंगे। लेकिन जिस हिसाब से आमदनी, माल-भाड़े में कमी आई है, इसे देखते हुए यह टारगेट मुश्किल लग रहा है। रेल मंत्रालय के अनुसार दिसंबर तक पिछले साल की तुलना में रेलवे की आमदनी 14000 करोड़ रुपए कम रही है।

डैमेज पटरियों पर नहीं किया खर्च
रेलवे बोर्ड के एक पूर्व मेंबर ने बताया कि रेलवे ने सेफ्टी को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे। लेकिन इस साल ट्रेन दुर्घनाओं खासतौर से पटरी से डीरेल होने के मामले बढ़ गए हैं। इसका साफ मतलब है कि रेलवे ने पुरानी या डैमेज हो रही पटरियों पर ज्यादा खर्च करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

ट्रेनों की ब्रॉन्डिंग की योजना शुरूआती स्टेज में
इनकम के मसले पर पिछड़ रही रेलवे ने बजट में नॉन-फेयर रेवेन्यू बढ़ाने का लक्ष्य रखा था। इसके लिए ट्रेनों की ब्रांडिंग के अलावा 3,000 रेलवे स्टेशनों पर डिस्प्ले नेटवर्क खड़ा किया जाना, विज्ञापनों के जरिए इनकम बढ़ाना, रेलवे की प्रॉपर्टीज के सहारे इनकम बढ़ाना आदि शामिल है। लेकिन यह योजना कंसल्टेंट की नियुक्ति किए जाने से आगे नहीं बढ़ पाई है। हाल ही में नॉन फेयर रेवेन्यू के लिए रेल मंत्री ने फाइनल पॉलिसी पेश की है, जिसके तहत 16,500 करोड़ सालाना इनकम का लक्ष्य रखा है।

यह काम हो रहे हैं जोरों पर
बजट में सभी ए कैटिगरी स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा देने की बात कही गई थी, इसके बाद डिजिटल इंडिया के तहत बी कैटिगरी के स्टेशनों को भी शामिल किया जाना था। दिसंबर 2016 तक 110 स्टेशनों पर वाई फाई लगाया जा चुका है। वाटर वेंडिंग मशीनों को अधिक से अधिक स्टेशनों पर लगाए जाने की बात कही गई थी, मशीनों को लगाने का काम जारी है और रेलवे के अनुसार 31 मार्च 2016 तक 2500 स्टेशनों पर इसे इंस्टॉल कर दिया जाएगा। बजट में कहा गया था कि पिछले साल 120 नए स्टेशनों की तुलना में 650 नए स्टेशनों पर टॉइलट्स का निर्माण किया जाएगा। अबतक 407 अतिरिक्त स्टेशनों पर टॉइलट्स बना लिए गए हैं और 31 मार्च 2016 तक लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।

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