समुद्री उत्पादों का निर्यात 2018-19 में 9% कम होकर 45 हजार करोड़ रुपए रहा

Thursday, Dec 19, 2019 - 06:55 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत का समुद्री उत्पादों का निर्यात वित्त वर्ष 2018-19 में सालाना आधार पर नौ प्रतिशत कम होकर करीब 45 हजार करोड़ रुपए (6.30 अरब डॉलर) पर आ गया। समुद्री उत्पादों के कुल निर्यात में 71 प्रतिशत हिस्सेदारी ‘झींगा' की रही। एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।

व्यापार वित्त पोषण कंपनी ड्रिप कैपिटल ने भारत के समुद्री उत्पाद निर्यात को लेकर जारी रिपोर्ट में कहा है कि झींगा, फ्रोजेन फिश, और घोंघा (मोलस्क) इस श्रेणी के प्रमुख उत्पाद हैं। इनमें झींगा अकेले भारत के कुल समुद्री उत्पाद निर्यात में 71 प्रतिशत का योगदान देता है। रिपोर्ट में विदेशी व्यापार महानिदेशालय के हवाले से कहा गया कि वित्त वर्ष 2018-19 में लगभग 45 हजार करोड़ रुपए का समुद्री उत्पाद निर्यात किया गया। वित्त वर्ष 2009-10 से 2018-19 के दौरान इसमें सालाना 13 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई। 

हालांकि 2017-18 की तुलना में 2018-19 में मूल्य के आधार पर इसमें नौ प्रतिशत की गिरावट आई लेकिन शिपमेंट की मात्रा के आधार पर यह 18 प्रतिशत बढ़ा। रिपोर्ट में कहा गया कि सालाना 15 प्रतिशत की वृद्धि के साथ आंध्र प्रदेश समुद्री उत्पादों का शीर्ष निर्यातक राज्य है। इसके बाद गुजरात और पश्चिम बंगाल का स्थान है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय झींगों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है, जबकि चीन और वियतनाम क्रमशः भारतीय फ्रोज़न फिश और मोलस्क के सबसे बड़े बाजार हैं। ये तीनों देश मिलकर भारत के समुद्री उत्पाद निर्यात में लगभग 50-60 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका में भारतीय झींगे की गुणवत्ता जांच कठोर किए जाने से निर्यात पर असर पड़ रहा है। इसके अलावा डंपिंग रोधी शुल्क 0.84 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.34 प्रतिशत किए जाने का भी प्रतिकूल असर पड़ा है।
 

jyoti choudhary

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