रसोई के महंगे सामान ने बिगाड़ा घर का बजट

punjabkesari.in Friday, May 31, 2024 - 03:06 PM (IST)

नई दिल्लीः मई में दाल, गेहूं और चीनी जैसी रसोई की आवश्यक वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं क्योंकि 2023 में मानसून की कमी के कारण घरेलू उत्पादन में कमी आई है। अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में चना, उड़द और तुअर की सीमित उपलब्धता ने आयात को सुस्त और महंगा बना रखा है, जबकि चीनी और गेहूं की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं क्योंकि बफर स्टॉक कम हो गया है। पिछले कई महीनों से खुदरा बाजार में तुअर दाल 200 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास बिक रही है। अब चना दाल भी खुदरा व्यापार में 100 रुपए प्रति किलोग्राम को पार कर गई है क्योंकि देश में चना दाल प्रसंस्करण के दो प्रमुख केंद्रों इंदौर में एक्स- मिल चना दाल की कीमत 93 रुपए और अकोला में 86 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। 

घरेलू बाजार में बिना प्रसंस्कृत चना की कीमतों में लगातार तीसरे सप्ताह वृद्धि हुई है। व्यापार निकाय इंडियन पलसिस एंड ग्रेन एसोसिएशन (आई.पी. जी.ए.) द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि एक सप्ताह में कीमतों में लगभग 5 और एक महीने में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।

महाराष्ट्र के एक व्यापारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "कम उत्पादन की उम्मीद और किसानों तथा व्यापारियों द्वारा स्टॉक रोके रखने एवं कीमतों में और वृद्धि की आशंका के कारण सभी स्तरों पर मांग के कारण चना दाल की कीमतें बढ़ रही हैं।" 

ऑस्ट्रेलिया से 58,000 टन चना किया इम्पोर्ट 

7 मई को भारत द्वारा चने पर आयात शुल्क हटाए जाने के बाद, मार्च में पारगमन के दौरान कमोडिटी को डायवर्ट करके ऑस्ट्रेलिया से 58,000 टन चना आयात (इम्पोर्ट) किया गया। व्यापार अनुमानों के अनुसार उपभोक्ताओं को चने की ऊंची कीमतों से बहुत राहत मिलने की संभावना नहीं है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उपलब्धता कम है, जबकि मानसून के दौरान बेसन की मांग बढ़ जाती है।

चीनी की एक्स-मिल कीमत 100 रुपए क्विंटल बढ़ी 

महाराष्ट्र में पिछले एक महीने में चीनी की एक्स-मिल कीमत 100 रुपए क्विंटल बढ़कर लगभग 3600 रुपए प्रतिशत क्विंटल हो गई हैं, जो मजबूत मांग के कारण है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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