Work From Home के लिए 50,000 रुपए अलाउंस की उम्मीद, सरकार को स्टैंडर्ड डिडक्शन पर मिला यह सुझाव

Wednesday, Jan 12, 2022 - 05:53 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। इतना ही दुनिया भर में कामकाज के तरीकों पर बदलाव नजर आया है। कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी है। कोरोना काल के इस दौर में कई ऐसे कर्मचारी हैं, जिन्हें अपनी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है। इसके साथ ही इटरनेट, मोबाइल फोन का खर्च अलग से बढ़ गया है।

लोगों को घर से काम करने के लिए फर्नीचर भी बढ़ाने पड़े हैं। इसके साथ ही लाइट बिल में बढ़ोतरी हो गई है। कोरोना वायरस महामारी से पहले इन लोगों को ऐसे खर्चों की कोई चिंता नहीं थी, इसकी वजह ये थी कि कंपनियों से जरूरी सुविधाएं मिल रहीं थी। कोरोना काल में बढ़ते वर्क फ्राम हम के चलन के चलते सैलरी क्लास के लोगों ने आने वाले बजट 2022 में ‘वर्क फ्रॉम होम’ अलाउंस की उम्मीद कर रहे हैं ताकि महामारी के दौरान घर से ऑफिस का काम करने के लिए जो अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है, उस पर कुछ राहत मिल सके। 

बता दें कि इंग्लैंड सरकार घर से काम कर रहे सैलरी वाले कर्मचारियों को एडिशन हाउस होल्ड कास्ट पर प्रति हफ्ते 6 पाउंड टैक्स में राहत देती है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए बहुत से कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें इंटरनेट, इलेक्ट्रिसिटी और फर्नीचर के लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ा है। 

  • Deloitte India ने प्री-बजट एक्सपेटेशंस 2022 में सिफारिश की है कि बजट में घर से काम कर रहे कर्मचारियों को 50,000 रुपए के वर्क फ्रॉम होन अलाउंस के रूप में अतिरिक्त डिडक्शन दिया जाना चाहिए। 
  • इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटैंट्स ऑफ इंडिया ने भी अपने प्री बजट मेमोरेंडम में सरकार को सुझाव दिया है कि वर्क फ्रॉम होम के लिए फर्नीचर इत्यादि पर किए गए खर्च को खास तौर पर एग्जेंप्शन के दायरे में लाया जाना चाहिए।
  • ICAI ने सरकार को यह भी सुझाव दिया है कि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 16 के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 50,000 रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने पर विचार करना चाहिए।

jyoti choudhary

Advertising