बजट में एजुकेशन सेक्टर पर फोकस की उम्मीद, वित्त मंत्री से हो रही ये मांग
Tuesday, Jan 28, 2020 - 12:32 PM (IST)
नई दिल्लीः एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करने जा रही हैं। बीते साल 5 जुलाई को आम बजट में वित्त मंत्री ने एजुकेशन सेक्टर के लिए कई बड़े ऐलान किए थे। इस बजट में मुख्य तौर पर हायर एजुकेशन और छात्रों के स्किल डेवलपमेंट पर फोकस किया गया। इसके बावजूद इस सेक्टर में कई ऐसी मांग है, जो लंबे समय से अधूरी है। आइए जानते हैं, पिछले आम बजट में एजुकेशन सेक्टर को क्या मिला था और इस बार क्या उम्मीदें हैं।
अभी क्या उम्मीदें हैं?
एजुकेशन सेक्टर को उम्मीद है कि इस बार के बजट में केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों की संख्या बढ़ सकती है। इसके अलावा हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है। रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड सर्वेयर्स (RICS) दक्षिण एशिया के एमडी निमिष गुप्ता ने कहा कि IIT, AIIMS और IIM जैसे और संस्थानों के निर्माण की अपेक्षा है। निमिष गुप्ता के मुताबिक स्किल डेवलपमेंट पर जोर देने की जरूरत है। इसके अलावा छात्रों के लिए स्मार्ट क्लासेज की शुरुआत कर नई तकनीक से पढ़ाई पर फोकस की उम्मीद है। इसी तरह एजुकेशन लोन की ब्याज दरें और रीपेमेंट जैसी सुविधाओं पर राहत मिलने की उम्मीद है।
आम बजट 2019 में क्या था?
बीते साल 5 जुलाई को आम बजट में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के लिए कुल बजट आवंटन में 9 हजार करोड़ से अधिक का इजाफा किया गया। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 85,010 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे तो वहीं 2019-20 में यह बढ़कर 94,853.64 करोड़ रुपए हो गया। इस बजट में सभी रिसर्च योजनाओं के लिए आवंटन में बड़ी वृद्धि की गई। आईआईटी को 6409.95 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। ये एक साल पहले की तुलना में 12 फीसदी अधिक है।
इसके अलावा राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रुसा) के लिए बजट आवंटन को 1500 करोड़ रुपए से 40 फीसदी बढ़ाकर 2100 करोड़ रुपए कर दिया गया था। केंद्रीय विश्वविद्यालयों को 6,864.40 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया गया। वहीं यूजीसी को 4950.66 करोड़ रुपए आवंटित किए गए।
वहीं, अगर उन्नत भारत अभियान की बात करें तो बजट आवंटन में 32 फीसदी का इजाफा हुआ। इस अभियान के तहत 10,000 गांवों को उच्च शैक्षणिक संस्थानों द्वारा अपनाया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में "विश्व स्तरीय संस्थान" बनाने के लिए वित्त वर्ष 2019-20 में 400 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं जो पिछले वर्ष के संशोधित अनुमानों से तीन गुना से अधिक है।