अगले वित्त वर्ष में 470 अरब डॉलर के निर्यात का अनुमान: फियो

Thursday, Dec 23, 2021 - 03:34 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः चालू वित्त वर्ष में देश के निर्यात के 400 अरब डॉलर के स्तर को पार करने का अनुमान जताते हुए भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) ने अगले वित्त वर्ष में निर्यात के 470 अरब डॉलर पर पहुंचने की उम्मीद जताई है। फियो के अध्यक्ष डॉ़ ए शक्तिवेल ने आज कहा कि वित वर्ष 2021-22 के 400 अरब डॉलर के वस्तु व्यापार के साथ समाप्त होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए होगा क्योंकि पिछले वर्ष के विपरीत, यह वित वर्ष 2022-23 के लिए एक उच्च आधार पर होगा। इस प्रकार, ऐसे आंकड़ों पर 30-35 प्रतिशत की निर्यात वृद्धि कठिन होगी, विशेष रूप से अतिरिक्त निर्यातों को क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता भी हो सकती है। 

वस्तुओं की उच्च कीमतों से उत्साहित होने के कारण वैश्विक व्यापार में लगभग 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई लेकिन अगले वर्ष हमारे निर्यातों को राहत उपलब्ध कराने के लिए, वैसी अनुकूल सहायता नहीं प्राप्त होगी। बहरहाल, इसी के साथ साथ, चूंकि वैश्विक व्यापार में हमारा हिस्सा अभी भी 2 प्रतिशत से कम है, हमें अभी लंबी दूरी तय करनी है। डॉ शक्तिवेल ने कहा कि बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि क्या हम दुनिया भर में बड़े पैमाने पर टीकाकरण के जरिए कोविड-19 को नियंत्रित करने में सक्षम होंगे और आवश्यक क्षमता का निर्माण कर सकने में समर्थ होंगे जो यह निर्णय करेगा कि हमें अगले वित्तीय वर्ष के लिए 15-20 प्रतिशत की वृद्धि या और अधिक की उम्मीद करनी चाहिए।

फियो अध्यक्ष ने दोहराया कि नए वेरिएटों के उभरने तथा इस समय आपूर्ति पक्ष के चुनौतियों को देखते हुए थोड़ा संकीर्णवादी होना चाहिए और अगले वित्त वर्ष के दौरान 460-475 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए। फियो अध्यक्ष ने कहा ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि अगर महामारी नियंत्रित रही तो 2022 में वैश्विक उपभोग में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि होगी। हमारे निर्यात के साथ अच्छी बात यह है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान पारंपरिक निर्यातों तथा निर्यात के उभरते क्षेत्रों, दोनों क्षेत्रों में ही हमारा निर्यात बहुत संतुलित रहा है। हमें उम्मीद है कि यही रुझान जारी रहेगा क्योंकि सभी निर्यातकों की ऑडर्र बुकिंग बेहद उत्साहजनक रही है और वैश्विक कंपनियों की चीन प्लस वन की नीति निश्चित रूप से हमारे निर्यातों की सहायता कर रही है। चालू वर्ष के दौरान भारतीय निर्यात एक रुझान प्रदर्शित करता है कि चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में, जब कुल निर्यात में लगभग 59 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, आसियान, उत्तर पूर्व एशिया तथा सीआईएस देशों को छोड़कर लगभग सभी क्षेत्रों ने लगभग 60 प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि दर प्रदर्शित की।'' 

डॉ शक्तिवेल ने कहा कि इसलिए, अगले वर्ष भी निर्यात में व्यापक वृद्धि होगी और नाफ्टा, यूरोप, मध्य पूर्व, ओशिनिया को निर्यात में तेजी जारी रहेगी। विशेष रूप से ब्रिटेन और यूएई के साथ मुक्त व्यापार समझौतों को जल्द ही संपन्न कर लेना चाहिए तथा 2022 में कनाडा तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ क्रमश: सीईपीए (सेपा) तथा सीईसीए (सेका) को पूरा कर लेना चाहिए। फियो प्रमुख ने दोहराया कि जहां निर्यातों की मांग पक्ष का उद्योग द्वारा ध्यान रखा जाना चाहिए, उद्योग एवं सरकार को आपूर्ति पक्ष चुनौतियों के समाधान के लिए साथ मिल कर काम करना चाहए। बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए क्षमता की कमी प्रमुख चिंताओं में से एक है। इसके अतिरिक्त, इनपुट की कीमतों में वृद्धि, आसमान छूती माल भाड़ा बढोतरी तथा शिपमेंट और भुगतानों में देरी का परिणाम अतिरिक्त ऋण की आवश्यकता के रूप में आया है। 

क्रिसमस, नव वर्ष तथा चीनी नए साल के लिए पीक सीजन की आपूर्ति के कारण कंटेनर की कमी के मामले में सुधार आया है लेकिन अगर नए वैरिएंट को नियंत्रित नहीं किया गया तो छुट्टियों के सीजन के बाद देशों में गतिविधि बढ़ने से इसमें फिर कठिनाई आ सकती है। सरकार देश में कंटेनर के विनिर्माण को बढ़ावा देने पर विचार कर सकती है, विशेष रूप से जब हमें अंतर्देशीय तटीय शिपिंग के लिए बड़ी संख्या में कंटेनरों की आवश्यकता होती है। यह नोट करना भी उत्साहजनक है कि सरकार निर्यातकों को प्रतिस्पर्धी बाजार पहुंच उपलब्ध कराने के लिए एफटीए और सीईसीए (सेपा) /सीईपीए (सेका) को बढ़ावा दे रही है और हम यूरोपीय संघ, जीसीसी ( यूएई, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान, कतर तथा कुवैत), एसएसीयू (दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, बोस्तवाना, लेसोथो तथा इस्वातिनी) तथा अन्य आर्थिक क्षेत्रों के साथ क्षेत्रीय आर्थिक गठबंधन की उम्मीद कर रहे हैं। 

jyoti choudhary

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