कर्मचारियों को मिली कम सैलरी, तो सरकार करेगी कंपनी की जांच

Monday, May 21, 2018 - 12:40 PM (IST)

नई दिल्लीः अगर किसी कंपनी में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की सैलरी सामान्य तौर पर बेहद कम है तो सरकार इस बात की जांच करेगी। कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (ई.पी.एफ.ओ.) ने कंपनी द्वारा वर्कर्स के प्रोविडेंट फंड में कंट्रीब्यूशन फुल वर्किंग पीरियड पर सुरक्षित करने के लिए फैसला किया है। ई.पी.एफ.ओ. इसके लिए हर कंपनी की वेज एनालिसिस रिपोर्ट तैयार कराएगा। ई.पी.एफ.ओ. इस रिपोर्ट के आधार पर ऐसी कंपनियों में जांच कराएगा जहां कर्मचारियों की सैलरी बहुत कम है या बड़ी संख्‍या में कर्मचारियों के नाम के आगे जीरो वेज दिखेगा।

इसलिए ईपीएफओ ने लिया है फैसला 
ई.पी.एफ.ओ. के अधिकारी द्वारा एडिशनल पीएफ कमिश्नर और रीजनल पीएफ कमिश्नर को एक सर्कुलर जारी किया गया है। सर्कुलर में कहा गया है कि यह जरूरी है कि कंपनी के इलेक्ट्रॉनिक चालान कम रिटर्न यानी ईसीआर में नॉन कंट्रीब्यूटरी पीरियड को सही तरीके से दिखाया जाए। जिससे कि नॉन कंट्रीब्यूटरी पीरियड में ना गिना जाए। इसके अलावा यह भी जरूरी है कि कंपनी खासकर कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी के प्रोविडेंट फंड में फुल वर्किंग पीरियड पर कंट्रीब्‍यूट करें न कि बहुत कम सैलरी पर। 

प्रदान की जाएगी वेज एनालिसिस रिर्पोट 
सर्कुलर में कहा गया है कि इसकी निगरानी के लिए CAIU डैशबोर्ड में वेज एनालिसिस रिपोर्ट मुहैया कराई जाएगी। जिससे जोनल स्तर पर और रीजनल स्तर पर ई.पी.एफ.ओ. अधिकारी अपने क्षेत्र की वेज एनालिसिस रिपोर्ट देख सकेंगे और इसके आधार पर जरूरी कदम उठा सकेंगे। वेज एनालिसिस रिपोर्ट में हर एक कंपनी या एस्टेब्लिशमेंट और मेंबर्स की एक खास वेज स्‍लैब में डिटेल होगी। इसके आधार पर उन मेंबर की डिटेल को वेरीफाई किया जाएगा जहां जीरो वेज होगा, इसके बाद अगले वेज स्‍लैब का वेरिफिकेशन होगा।

jyoti choudhary

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