जेट संकटः कर्मचारियों की जिंदगी बदहाल, किसी के पास इलाज के पैसे नहीं तो कोई फीस के लिए परेशान

Tuesday, Apr 16, 2019 - 11:34 AM (IST)

नई दिल्लीः आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के कर्मचारियों की जिंदगी बदहाल हो गई है। जेट एयरवेज के कैप्टन अमित राय (बदला हुआ नाम) को वॉट्सऐप ग्रुप में एक संदेश मिला। यह संदेश एक एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजिनियर का था, जिसमें उन्होंने एप्लास्टिक एनीमिया से जूझ रहे अपने बेटे के लिए आर्थिक मदद मांगी थी। इस बीमारी में इंसान के शरीर में नए रक्त का बनना बंद हो जाता है। 
 
इंजिनियर ने मेसेज भेज, 'एचआर से यह गुजारिश की है कि वह मेरी तीन महीने की सैलरी को रिलीज करें। बेटे के इलाज के लिए 25 लाख रुपयों की जरूरत है। मेरे पास अपने सभी साथियों से इस मुश्किल वक्त में मदद करने की अपील के अलावा कोई चारा नहीं हैं।' इसके बावजूद कैश के संकट से जूझ रहा मैनेजमेंट और पायलट फंड नहीं जुटा सके और बीमारी से जूझते हुए बेटे की मौत हो गई। 

जनवरी से रुकी है एंप्लॉयीज की सैलरी
करीब 14,000 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार देने वाली एयरलाइन कंपनी भीषण आर्थिक संकट से गुजर रही है। जनवरी से ही कंपनी ने अधिक आय वाले एंप्लॉयीज की सैलरी को रोक रखा है। मार्च से तो कंपनी के हर एंप्लॉयी की सैलरी रुकी हुई है। दिल्ली एयरपोर्ट में जेट एयरवेज के लोडर सुपरवाइजर के तौर पर काम करने वाले 45 वर्षीय सुखबीर सिंह कहते हैं कि उनकी जमा पूंजी लगभग खत्म होने को है। 

दूसरी एयरलाइन कंपनियां दे रही आधी सैलरी
महीने में 28 हजार से 38 हजार तक कमाने वाले सिंह कहते हैं, 'मुझे अपनी बेटी की कोचिंग क्लासेज की फीस चुकानी है ताकि उसे लॉ में ऐडमिशन मिल सके लेकिन मेरे पास बेटे की स्कूल फीस चुकाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं।' वह कहते हैं कि नौकरी छोड़ना भी विकल्प नहीं है क्योंकि बड़े पैमाने पर लोगों के जॉब तलाशने के चलते सैलरी कम हुई है। वह बताते हैं, 'दूसरी एयरलाइन कंपनियों को जॉइन करने वाले लोगों को उनकी मौजूदा सैलरी का आधा ऑफर किया गया है।' 

जेट में 14,000 एंप्लॉयी कंपनी के पेरोल पर काम कर रहे हैं, जबकि 6,000 से अधिक लोग कॉन्ट्रैक्ट पर हैं। कंपनी को 1,200 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स मुहैया कराने वाली कंपनी टारगेट हॉस्पिटैलिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर दीपक गायकवाड़ कहते हैं कि इन लोगों पर जेट के संकट में फंसने से सबसे बुरा असर पड़ेगा। 
 

jyoti choudhary

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