कर्मचारियों की मौज, घटाए काम करने के घंटे

punjabkesari.in Wednesday, Feb 19, 2025 - 02:01 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः काम और जीवन के बीच संतुलन (Work-Life Balance) पर बहस पिछले कुछ समय से जोर पकड़ रही है। खासकर, जब बड़े उद्योगपति लंबे काम के घंटों को समर्थन देने लगे। 2023 में Infosys के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने युवाओं को 70 घंटे प्रति सप्ताह काम करने की सलाह दी थी, जिससे इस चर्चा को बढ़ावा मिला। इसके बाद 2024 में, L&T के चेयरमैन एस.एन. सुब्रमण्यम ने तो हद ही पार कर दी जब उन्होंने कर्मचारियों को रविवार सहित 90 घंटे प्रति सप्ताह काम करने का सुझाव दिया। अब हाल ही में, अरबपति एलन मस्क ने X पर पोस्ट किया कि DOGE में लोग 120 घंटे प्रति सप्ताह काम करते हैं, जिससे यह बहस और तेज हो गई लेकिन इस ट्रेंड के उलट, एक भारतीय कंपनी ने काम के घंटे आधे कर सभी को चौंका दिया है!

70 या 90 घंटे नहीं

हाल ही में एक पॉडकास्ट में, Veeba के संस्थापक और प्रबंध निदेशक विराज बहल ने प्रति सप्ताह 70 या 90 घंटे काम करने के विचार को खारिज कर दिया। काम और जीवन के बीच संतुलन की ज़रूरत के बारे में बात करते हुए, बहल ने कहा कि इतने लंबे काम के घंटे पुराने हो चुके हैं और कर्मचारियों के लिए अनुचित हैं। इसलिए, अपनी कंपनी में उन्होंने कार्य सप्ताह को घटाकर 40 घंटे कर दिया है। बहल ने यह भी कहा कि लोगों को इक्विटी हिस्सेदारी या पर्याप्त वित्तीय लाभ दिए बिना इतने लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर करना, लंबे समय में कंपनी के लिए एक टिकाऊ तरीका नहीं है।

टिकाऊ तरीका नहीं

उन्होंने कहा, "लोगों को इक्विटी हिस्सेदारी या पर्याप्त वित्तीय लाभ दिए बिना इतने लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर करना, कंपनी के लिए एक स्थायी तरीका नहीं है।" उन्होंने ओवरवर्क और हसल कल्चर के महिमामंडन को भी अनुचित बताया। बहल इस बात से सहमत हैं कि नए व्यवसायों को शुरुआती दौर में अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता होती है, लेकिन दीर्घकालिक रूप से यह कर्मचारियों और कंपनी दोनों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। उन्होंने वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखने की जरूरत पर ज़ोर दिया।

वीबा फ़ूड्स की नींव कैसे रखी?

2009 में उन्होंने रेस्टोरेंट व्यवसाय में कदम रखा, जो असफल रहा लेकिन 2013 में उन्होंने Veeba फ़ूड्स की शुरुआत की, जो आज एक हजार करोड़ रुपए के टर्नओवर वाला सफल व्यवसाय बन चुका है। विराज बहल का मानना है कि काम के साथ-साथ निजी जीवन भी महत्वपूर्ण है और ओवरटाइम कल्चर कर्मचारियों की उत्पादकता और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। उनका यह कदम दूसरे उद्यमियों के लिए भी एक प्रेरणादायक मिसाल बन सकता है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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