कैबिनेट बैठक में मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 6238 करोड़ की PLI स्कीम को दी मंजूरी

Wednesday, Apr 07, 2021 - 05:48 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कोरोना संकट के बीच पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस बैठक में हुई चर्चा को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने बुधवार को दो क्षेत्रों में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना को मंजूरी दी है। इनमें पहला है सोलर पैनल और दूसरा है व्हाइट गुड्स (एसी व एलईडी लाइट्स)। साथ ही केंद्रीय कैबिनेट ने एक एमओयू को भी मंजूरी दी है। कैबिनेट ने एसी और एलईडी उपकरणों के उत्पादन के लिए 6238 करोड़ रुपए की पीएलआई स्कीम को मंजूरी दी है।

बड़े स्तर पर पैदा होंगे रोजगार के अवसर
गोयल ने बताया कि इसमें 5-6 फीसदी इंसेंटिव मिलेगा। उन्होंने कहा कि ज्यादातर उपकरण एमएसएमई (MSME) बनाते हैं। ऐसे में एमएसएमई को फायदा होगा और बड़े स्तर पर रोजगार पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना से भारत को एसी और एलईडी उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। यह पीएलआई स्कीम भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को काफी आगे लेकर जाएगी।

सोलर पैनल के मामले में भारत बनेगा आत्मनिर्भर 
दूसरी पीएलआई योजना हाई एफिशियेंसी सोलर पीवी मॉड्यूल्स के लिए है। गोयल ने बताया कि हाई एफिशियेंसी सोलर पीवी मॉड्यूल्स द्वारा लगभग 10 हजार मेगावाट की एडिशनल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी का भारत में निर्माण होगा। जिसमें साढे चार हजार करोड़ रुपए का PLI दिया जाएगा। गोयल ने कहा कि इससे विदेशी कंपनियां भी भारत में आने के लिए प्रोत्साहित होंगी और भारत सोलर उपकरण के निर्माण में आत्मनिर्भर बनेगा। साथ ही बिजली की कीमतें कम होंगी। गोयल ने बताया कि इस योजना से 30 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व 1.10 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

एलईडी की कीमत 85% घटी
गोयल ने कहा, 'एलईडी लाइटिंग में आज भारत विश्व का लीडर है। उजाला योजना से एलईडी की कीमत 85 फीसदी घट गई। देश में अब लगभग सभी जगह एलईडी लगाई जा रही है, जिससे बिजली के बिल कम हुए और इससे कार्बन उत्सर्जन भी कम हुआ है।

गोयल ने कहा, 'आत्मनिर्भर भारत के लिए पीएलआई योजना एक केंद्रीय बिंदु है। भारत ने 13 सेक्टर चुनें, जो ग्लोबल सप्लाई चेन में अपना योगदान दे सकें। इतना बड़ा प्रोजेक्ट शायद पहली बार लाया गया है। इससे कम से कम 1 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से काम करने के अवसर मिलेंगे। इससे भारत के मैन्युफैक्चरिंग उद्योग को बड़ा उछाल मिलेगा। भारत ने पिछले 5 वर्षों में 2 ट्रिलियन डॉलर या 1.5 लाख करोड़ रुपए का उत्पादन मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में किया है। 13 सेक्टर में पीएलआई स्कीम 35 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त उत्पादन को प्रोत्साहित करेगी।

jyoti choudhary

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