11वां बायोफैच इंडिया सात से नौ नवंबर तक ग्रेटर नोएडा में

Monday, Oct 28, 2019 - 03:24 PM (IST)

नई दिल्लीः देश के जैविक खाद्य उत्पादों और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के क्षेत्र में उन्नति को प्रदर्शित करने वाला 11वां बायोफैच इंडिया 2019 मेला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में सात से नौ नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। तीन दिन चलने वाले इस मामले का आयोजन वाणिज्य मंत्रालय के अधीन सांविधिक निकाय कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) कर रहा है। मेले में जैविक खाद्य उत्पादों, सामग्री, जिंसों तथा प्रसंस्कृत खाद्य के प्रमुख केंद्र के रुप में देश की तरक्की को प्रदर्शित किया जाएगा। मेले में नर्नबर्ग मेसे इंडिया भी सहयोग कर रही है। 

एपीडा के अध्यक्ष पवन के बड़ठाकुर ने सोमवार को बताया कि व्यापार मेला प्रदर्शनी बायोफैच 2019 में देश तथा विदेश के निर्यातकों, प्रसंस्करणकर्ताओं, खुदरा श्रखंलाओं, उद्योग, प्रमाणन संस्थाओं और उत्पादकों समेत छह हजार से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। बड़ठाकुर ने बताया के मेले में मुख्य रुप से चाय, मसाले, शहद, बासमती चावल, काफी, अनाज, मेवे, सब्जी, प्रसंस्कृत खाद्य एवं औषधीय पौधों समेत विभिन्न भारतीय जैविक उत्पादों पर चर्चा की जायेगी और उनका प्रत्यक्ष अनुभव भी देखने का मिलेगा।

अध्यक्ष ने बताया, ‘‘जैविक थीम पर एपीडा की पैवेलियन बायोफैच 2019 का विशेष आकर्षण होगा जिसमें सामान प्रदर्शित किया जायेगा और देश के जैविक खाद्य उत्पादकों को बी 2 बी और बी 2 एस बैठकों के जरिए अंतररष्ट्रीय खरीददारों के साथ सीधे कारोबार पर विचार-विमर्श के मौके मिलेंगे। उत्पादकों को अंतररष्ट्रीय व्यापार से सीधे जुड़ने का मौका मुहैया कराने के लिए एपीडा प्रमुख आयातक देशों से 75 से अधिक खरीदारों को आमंत्रित एवं प्रायोजित कर रहा है।'' उन्होंने बताया, ‘‘तीन दिन के मेले में जैविक उत्पादकों, निर्यातकों, रिटेलरों, व्यापारियों, प्रसंस्करणकर्ताओं, आईसीएस प्रबंधन नकायों, प्रमाणन संस्थाओं तथा प्रमाणित जैविक कृषक समूहों समेत समूचा जैविक कृषि समुदाय उपस्थित रहेगा और एपीडा के अंतर्गत राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम में उगाए जा रहे जैविक उत्पादों की विभिन्न किस्में प्रदर्शित करेगा।''

अध्यक्ष ने बताया कि विश्व भर में जैविक कृषि उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। इस वर्ष मार्च तक 35.6 लाख हेक्टेयर भूमि पर जैविक प्रमाण प्रक्रिया जैविक उत्पादन कार्यक्रम के तहत आ रही थी। इसमें 19.4 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य थी और 14.9 लाख हेक्टेयर वनोपज संग्रह के लिए थी। जैविक प्रमाणन के तहत सबसे अधिक भूमि मध्य प्रदेश में है। दूसरे स्थान पर राजस्थान और महाराष्ट्र है। चौथे स्थान पर उत्तर प्रदेश का स्थान है। वर्ष 2016 में सिक्किम एकमात्र ऐसा राज्य था जहां समूची कृषि योग्य भूमि 76 हजार हैक्टेयर से अधिक जैविक प्रमाणन कार्यक्रम में शामिल थी।

वर्ष 2018-19 में कुल 6.14 लाख टन वजन का 5151 करोड़ रुपए मूल्य के जैविक उत्पादों का निर्यात हुआ। इनमें तिलहन, चीनी, मोटे अनाज, रेशे वाली फसलें, दलहन, औषधीय, जड़ी-बूटी तथा सुगंधित पौधे और मसाले शामिल हैं। जैविक उत्पादों का मुख्यत: निर्यात अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, स्विटजरलैंड, आस्ट्रेलिया, इजरायल, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, न्यूजीलैंड और जापान आदि को किया जाता है। बड़ठाकुर ने बताया कि 2018-19 में जैविक उत्पाद निर्यात में 49 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। अमेरिका तथा यूरोपीय संघ के देशों की मांग सबसे अधिक रही जबकि कनाडा, ताइवान और दक्षिण कोरिया में भी इनकी मांग बढ़ने लगी है। 

jyoti choudhary

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