मुश्किल में इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां, 21 हजार करोड़ के कारोबार पर असर की आशंका
Tuesday, Dec 10, 2019 - 05:48 PM (IST)
नई दिल्लीः सरकार एक जनवरी से किसी सामान के निर्यात पर दी जाने वाली 2 प्रतिशत की छूट में कटौती करने जा रही है। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों का निर्यात प्रभावित हो सकता है। मतलब भारत में निर्मित होने वाले मोबाइल, फैन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमत बढ़ जाएगी। इससे विदेश में मेड इन इंडिया इलेक्ट्रिक प्रोडक्ट की डिमांड कम हो सकती है।
निर्यात होगा प्रभावित
मोबाइन निर्माता कंपनियों की मानें, तो सरकार के फैसले से एक्सपोर्ट इंसेंटिव 4 फीसदी से घटकर 2 फीसदी हो जाएगा। इससे 21,00 0 करोड़ रुपए का निर्यात प्रभावित होगा। अगर ऐसा होता है, तो कंपनियों के सामने मोबाइल फोन के प्रोडक्शन घटाने की मजबूरी होगी। ऐसे में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग फर्म में काम करने करने वालों की बड़े पैमाने पर छटनी की जा सकती है।
एक जनवरी से लागू होने है नई स्कीम
डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने नोटिस जारी किया, जिसमें मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम (MEIS) के तहत मिलने वाले 2 फीसदी अतिरिक्त लाभ को 31 दिसंबर से खत्म करने का ऐलान किया गया। गारमेंट्स और मेड अप्स को छोड़कर यह फैसला हर तरह के निर्यात पर लागू होगा। इस छूट के खत्म होने से अब निर्यात पर 2, 3 और 5 फीसद का ओरिजिनल इंसेटिंव RoDTEP लागू होने तक मिलेगा। दरअसल सरकार अगले साल से रिमिशन ऑफ ड्यूटीज ऑर टैक्सेस ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट (RoDTEP) नामक नई निर्यात प्रोत्साहन योजना लागू करने जा रही है। यह स्कीम MEIS की स्थान लेगी, जो एक जनवरी 2020 से लागू होगी।