डिस्कॉम पर बिजली उत्पादकों का बकाया जुलाई में 36% बढ़कर 1.29 लाख करोड़ रुपए पर

Sunday, Sep 13, 2020 - 02:46 PM (IST)

नई दिल्लीः बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) का बकाया जुलाई, 2020 में सालाना आधार पर 36 प्रतिशत बढ़कर 1.29 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। यह क्षेत्र में दबाव की स्थिति को दर्शाता है।

उत्पादकों और वितरकों के बीच बिजली के उत्पादन, बिलिंग, भुगतान एवं विश्लेषण में पादर्शिता लागने के लिए बने पोर्टल (पेमेंट रैटिफिकेशन एंड एनालिसिस इन पावर प्रोक्यूरमेंट फॉर ब्रिगिंग ट्रांसपेरेंसी इन इनवॉयसिंग ऑफ जेनरेटर्स) से यह जानकारी मिली है। इस पोर्टल की शुरुआत मई, 2018 में जेनको और डिस्कॉम के बीच बिजली खरीद लेनदेन में पारदर्शिता लाने के लिए की गई थी। जुलाई में 60 दिन की अनुग्रह अवधि के बाद बकाया 1,16,817 करोड़ रुपए था। एक साल पहले समान महीने में यह बकाया 75,411 करोड़ रुपए था। 

पोर्टल पर उपलब्ध ताजा आंकड़ों के अनुसार जुलाई में कुल बकाया इससे पिछले महीने की तुलना में घटा है। जून, 2020 में डिस्कॉम पर कुल बकाया 1,30,118 करोड़ रुपए था। हालांकि, जुलाई, 2020 में भुगतान की अवधि समाप्त होने के बाद पुराना बकाया जून के 1,15,623 करोड़ रुपए की तुलना में बढ़ा है। बिजली उत्पादक डिस्कॉम को बिजली की आपूर्ति के बिलों का भुगतान करने के लिए 60 दिन का समय देते हैं। उसके बाद यह पुराना बकाया हो जाता है, जिसपर दंडात्मक ब्याज लिया जाता है। जेनको को राहत देने के लिए केंद्र ने एक अगस्त, 2019 से भुगतान सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। इसके तहत डिस्कॉम को बिजली आपूर्ति के लिए साख पत्र देना होता है। 

केंद्र सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों को भी कुछ राहत दी है। कोविड-19 महामारी की वजह से डिस्कॉम को भुगतान में देरी के लिए दंडात्मक शुल्क को माफ कर दिया सरकार ने मई में डिस्कॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपए की नकदी डालने की योजना पेश की थी। इसके तहत बिजली वितरण कंपनियां पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) तथा आरईसी लिमिटेड से सस्ता कर्ज ले सकती हैं। अब इस माह के अंत तक इस पैकेज को बढ़ाकर 1.2 लाख करोड़ रुपए करने की तैयारी है। बताया जाता है कि बिजली मंत्रालय ने पीएफसी और आरईसी को इस बारे में पहले ही निर्देश दे दिया है। 

jyoti choudhary

Advertising