डिस्कॉम पर बिजली उत्पादकों का बकाया दिसंबर में 24 प्रतिशत बढ़कर 1.36 लाख करोड़ रुपए पर

Sunday, Feb 28, 2021 - 11:49 AM (IST)

मुंबईः बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) का बकाया दिसंबर, 2020 में सालाना आधार पर 24 प्रतिशत बढ़कर 1,36,966 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। दिसंबर, 2019 तक डिस्कॉम पर बिजली वितरण कंपनियों का बकाया 1,10,660 करोड़ रुपए था। पेमेंट रैटिफिकेशन एंड एनालिसिस इन पावर प्रोक्यूरमेंट फॉर ब्रिंगिंग ट्रांसपैरेंसी इन इन्वॉयसिंग ऑफ जेनरेशन (प्राप्ति) पोर्टल से यह जानकारी मिली है। 

बिजली उत्पादकों तथा वितरकों के बीच बिजली खरीद लेनदेन में पारदर्शिता लाने के लिए प्राप्ति पोर्टल मई, 2018 में शुरू किया गया था। दिसंबर, 2020 तक 45 दिन की मियाद या ग्रेस की अवधि के बाद भी डिस्कॉम पर बकाया राशि 1,27,498 करोड़ रुपए थी। यह एक साल पहले 97,835 करोड़ रुपए थी। पोर्टल के ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में कुल बकाया इससे पिछले महीने की तुलना में घटा है। नवंबर, 2020 में डिस्कॉम पर कुल बकाया 1,40,741 करोड़ रुपए था। 

दिसंबर, 2020 में डिस्कॉम पर 45 दिन की मियाद की अवधि के बाद बकाया घटा है। नवंबर, 2020 में यह 1,27,539 करोड़ रुपए था। बिजली उत्पादक कंपनियां डिस्कॉम को बेची गई बिजली के बिल का भुगतान करने के लिए 45 दिन का समय देती हैं। उसके बाद यह राशि पुराने बकाए में आ जाती है। ज्यादातर ऐसे मामलों में बिजली उत्पादक दंडात्मक ब्याज वसूलते हैं। 

बिजली उत्पादक कंपनियों को राहत के लिए केंद्र ने एक अगस्त, 2019 से भुगतान सुरक्षा प्रणाली लागू है। इस व्यवस्था के तहत डिस्कॉम को बिजली आपूर्ति पाने के लिए साख पत्र देना होता है। केंद्र सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों को भी कुछ राहत दी है। कोविड-19 महामारी की वजह से डिस्कॉम को भुगतान में देरी के लिए दंडात्मक शुल्क को माफ कर दिया था। 

सरकार ने मई में डिस्कॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपए की नकदी डालने की योजना पेश की थी। इसके तहत बिजली वितरण कंपनियां पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन तथा आरईसी लिमिटेड से सस्ता कर्ज ले सकती हैं। बाद में सरकार ने इस पैकेज का बढ़ाकर 1.2 लाख करोड़ रुपए कर दिया था। आंकड़ों से पता चलता है कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा और तमिलनाडु की बिजली वितरण कंपनियों का उत्पादक कंपनियों के बकाये में सबसे अधिक हिस्सा है। 

भुगतान की मियाद की अवधि समाप्त होने के बाद दिसंबर, 2020 तक डिस्कॉम पर कुल 1,27,498 करोड़ रुपए का बकाया है। इसमें स्वतंत्र बिजली उत्पादकों का हिस्सा 32.14 प्रतिशत है। वहीं, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम की जेनको का बकाया 33.57 प्रतिशत है। 

सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में अकेले एनटीपीसी को ही डिस्कॉम से 17,946.97 करोड़ रुपए वसूलने हैं। दामोदर वैली कॉरपोरेशन का बकाया 6,682.61 करोड़ रुपए, एनएलसी इंडिया का बकाया 6,123.78 करोड़ रुपए, एनएचपीसी का 3,141.43 करोड़ रुपए और टीएचडीसी इंडिया का बकाया 2,022.23 करोड़ रुपए है। 

निजी बिजली उत्पादक कंपनियों में अडाणी पावर का बकाया 16,878.25 करोड़ रुपए, बजाज समूह की ललितपुर पावर जेनरेशन कंपनी का 4,462.10 करोड़ रुपए, एसईएमबी (सेम्बकॉर्प) का 2,735.62 करोड़ रुपए है और जीएमआर का 2,195.12 करोड़ रुपए है। वहीं गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों मसलन सौर और पवन ऊर्जा कंपनियों का बकाया 12,117.78 करोड़ रुपए है।

jyoti choudhary

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