GST का असर: सेवा क्षेत्र की गतिविधियां 4 साल के निचले स्तर पर

Thursday, Aug 03, 2017 - 05:01 PM (IST)

मुम्बई: वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) को लेकर जारी दुविधा के कारण नए आर्डर में आई भारी कमी से जुलाई में देश के सेवा क्षेत्र में गतिविधियां पिछले 4 साल के निचले स्तर पर आ गईं। जी.एस.टी. के कारण निक्की इंडिया सॢवसेज पी.एम.आई. बिजनैस एक्टिविटी सूचकांक जून के 8 माह के उच्चतम स्तर 53.1 से गिरकर जुलाई में 4 साल के निचले स्तर 45.9 प्रतिशत पर आ गया। निक्केई हर महीने माह-दर-माह वृद्धि दर के आंकड़े जारी करता है।

सूचकांक का 50 से ऊपर होना, बढ़ौतरी को और इससे नीचे रहना ह्रास को दर्शाता है जबकि 50 का स्तर स्थिरता का है और गत 6 माह में पहली बार सूचकांक 50 से नीचे आया है। रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी की घोषणा के बाद पहली बार जून में सेवा क्षेत्र में इतनी तेज वृद्धि हुई थी। जुलाई से जी.एस.टी. के लागू होने से बढ़ी कीमतों के कारण मांग में आई कमी से सेवा क्षेत्र की गतिविधियां सुस्त पड़ गईं और नए कारोबार का सूचकांक भी करीब 4 साल के निचले स्तर 45.2 पर आ गया जबकि जून में यह 53.3 प्रतिशत रहा था। 

रिपोर्ट तैयार करने वाली एजैंसी मार्कीट की अर्थशास्त्री पॉलियान डी लीमा ने कहा कि जुलाई में आई इतनी तेज गिरावट की मुख्य वजह जी.एस.टी. लागू होना और उससे जुड़ी दुविधा है। जुलाई के पी.एम.आई. आंकड़े पूरे भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में गिरावट को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर का यह सवाल है कि निकट  भविष्य और दीर्घावधि में अर्थव्यवस्था पर जी.एस.टी. का असर कितना व्यापक होगा। कंपनियों का ऐसा मानना है कि जी.एस.टी. से कर प्रणाली में पारदॢशता आएगी जिससे संभावनाएं बढेंग़ी। इसे देखकर लगता है कि भविष्य को लेकर बाजार में सकारात्मकता है। 

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