साढ़े नौ हजार शिक्षाकर्मियों की फीकी रहेगी इस बार होली, जानिए क्यों?

Monday, Mar 13, 2017 - 12:04 PM (IST)

बिलासपुरः होली के अवसर पर शिक्षाकर्मियों के हाथ इस बार मायूसी लगी है क्योंकि साढ़े नौ हजार शिक्षाकर्मियों की सैलरी अटक गई है। कुछ शिक्षाकर्मी एेसे भी हैं, जिन्हें तीन-चार महीने से सैलरी नहीं मिली है। बता दें कि राज्य-कोष से 25 लाख रुपए से ज्यादा वाले बिल पास नहीं किए जा रहे हैं। वित्त वर्ष का अंतिम माह शुरू होने के साथ ही राज्य-कोष में बिल अटकने की शुरुआत हो गई।

सभी कार्यालय बिल पास कराने में जुटे
हर कार्यालय इसी कोशिश में लगा रहा कि चालू वित्तीय वर्ष में ही स्वीकृत राशि का बिल पास हो जाए। उनका प्रयास यह है कि रकम शासन को वापस न करना पड़े। पंचायत, कृषि, हार्टिकल्चर, पीडब्ल्यूडी, जल संसाधन विभाग, शिक्षा, वन, महिला एवं बाल विकास ही नहीं अन्य विभाग भी ट्रेजरी कार्यालय में बिल पास कराने में जुटे रहे। लेकिन ट्रेजरी अफसर ने केवल वेतन और मानदेय बिल ही स्वीकार किए। उन्होंने 5 मार्च के बाद बाकी बिल लेने की बात कही। वेतन के भी कुछ बिल पास नहीं हुए।

अनुमति लेकर पास किए जा रहे हैं बिल
वित्त विभाग ने ट्रेजरी को 25 लाख रुपए से ज्यादा वाले बिल बगैर अनुमति के पास नहीं करने को कहा है। इसीलिए ट्रेजरी ऑफिसर ने 25 लाख रुपए से ज्यादा वाले बिल पास नहीं किए। वे ऑनलाइन स्वीकृति मिलने के बाद ही पास कर रहे हैं। इससे हुआ ये कि शिक्षाकर्मियों के 18 से 20 करोड़ रुपए के बिल अटक गए। शिक्षाकर्मियों को इस बात की आशंका पहले से ही थी। इधर, ट्रेजरी ऑफिसर आरबी वर्मा शासन के निर्देश का पालन करने की बात कह रहे हैं। उन्होंने बताया कि 25 लाख रुपए से अधिक के बिल अनुमति लेकर पास किए जा रहे हैं। शिक्षाकर्मियों का वेतन बिल 25 लाख रुपए से ज्यादा का है। उन्होंने अन्य कोई बिल अटकने से इनकार किया है।

आ सकता है बिल पास करने का सशर्त आदेश
पिछले साल की तरह इस बार भी बिल पास करने का सशर्त आदेश पहुंच सकता है। सरकार पिछले साल का आदेश दोहरा सकती है जिसमें ये कहा गया था कि एक दिन में 5 करोड़ से ज्यादा और 25 लाख के बिल बगैर वित्त सचिव के परमिशन के जारी न किए जाएं। ट्रेजरी में इस आदेश का पालन भी किया जाएगा। अभी 25 लाख रुपए से ज्यादा के बिल की अनुमति का आदेश लिखित न होकर मौखिक है।

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