विजय माल्या की संपत्तियों पर प्राइवेट पार्टियों के दावे का विरोध करेगा ED

Saturday, Mar 09, 2019 - 01:16 PM (IST)

नई दिल्लीः बैंकों से कर्ज लेकर भागे भगौड़े विजय माल्या की संपत्तियों पर किसी प्राइवेट संस्था ने अपना पहला हक होने का दावा किया जिसका प्रवर्तन निदेशालय (एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट यानी ईडी) इसका विरोध किया। मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि ईडी सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के दावे का ही विरोध नहीं करेगा।

इकनॉमिक टाइम्स ने 8 मार्च को खबर दी थी कि स्पिरिट्स बनाने वाली ब्रिटिश कंपनी डायाजियो, माल्या की संपत्तियों पर खुद का पहला हक होने का दावा कर रही है। डायाजियो का यूनाइटेड स्पिरिट्स में मेजॉरिटी स्टेक है। ईडी 13 मार्च को मुंबई की अदालत को अपने विचार से अवगत कराएगा। मामले से वाकिफ एक शख्स ने बताया, 'यह बात समझनी चाहिए कि एसबीआई की अगुवाई वाले सरकारी क्षेत्र के बैंकों के समूह ने ही माल्या के खिलाफ पीएमएलए के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।' उन्होंने कहा, 'कोई ऐसी प्राइवेट एंटिटि एजेंसी (ईडी) द्वारा जब्त संपत्तियों पर पहले हक का दावा कैसे कर सकती है, जिसने शुरुआती मुकदमा भी दर्ज नहीं कराया।' उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का जितना पैसा फंसा है, उसे बाद में रिकवर किया जा सकता है।

सूत्र ने कहा, 'सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पीछे सरकार खड़ी होती है और उन्हें सरकारी गारंटी हासिल होती है।' आगे कहा, 'अगर माल्या भविष्य में (मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में) कोर्ट से मुक्त हो जाता है तो भी एजेंसी (ईडी) को माल्या की संपत्तियों की बिक्री पर आई लागत सरकारी बैंकों से वापस मिल जाएगी क्योंकि बैंकों को सॉवरन गारंटी मिली हुई है।' गौरतलब है कि भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए जा चुके विजय माल्या का यूके से प्रत्यर्पण होना है। लंदन कोर्ट ने प्रत्यर्पण की अनुमति दे दी है।

Isha

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