ED की माल्या को भगोड़ा घोषित करने की पहल, जब्त होगी संपत्ति

Friday, Jun 22, 2018 - 07:28 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत ने एक नए कानून के तहत बड़े बैंक ऋण डिफॉल्टरों पर नकेल कसने की दिशा में आज पहला कदम उठा लिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कराने तथा उसकी 12,500 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।



ED ने की माल्या की संपत्तियां जब्त करने की मांग 
अधिकारियों ने कहा कि ईडी ने हाल ही में अमल में आए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश के तहत मुंबई की विशेष अदालत में आवेदन किया है। यह अध्यादेश कर्ज नहीं चुकाने वाले भगोड़ों की सभी संपत्ति जब्त करने का अधिकार देता है। आवेदन में ईडी ने विजय माल्या की संपत्तियां जब्त करने की मांग की है। इनमें वे संपत्तियां भी शामिल हैं जिन पर माल्या का परोक्ष नियंत्रण है। 



आवेदन में कहा गया है कि इन संपत्तियों का अनुमानित मूल्य करीब 12,500 करोड़ रुपए है। इनमें अचल संपत्तियां तथा शेयरों जैसी चल संपत्तियां शामिल हैं। यह कदम 9 हजार करोड़ रुपए से अधिक के दो बैंक ऋण की राशि का हेर-फेर करने के मामले में उठाया गया है। इन दो बैंक ऋण में आईडीबीआई बैंक और भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई वाला बैंक समूह शामिल हैं।



दो चार्जशीट फाइल कर चुकी है ED 
प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पहले दायर किए गए दो आरोप पत्रों में प्रस्तुत किए साक्ष्यों के आधार पर माल्या को भगोड़ा अपराधी घोषित करने की अदालत से मांग की है। माल्या ने मनी लांड्रिंग (धनशोधन) निवारण कानून के तहत अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को लंदन की अदालत में चुनौती दी है। भारत माल्या को वापस लाने का कानूनी प्रयास कर रहा है।

मौजूदा PMLA कानून में प्रक्रिया जटिल
पीएमएलए के तहत कानून की मौजूदा प्रक्रिया के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय मामले की सुनवाई खत्म होने के बाद ही संपत्तियों को जब्त कर सकती है, जिसमें आमतौर पर कई वर्ष लगते हैं। अध्यादेश पर अमल करने के लिए प्राधिकृत ईडी ने इसके तहत यह पहला मामला दायर किया है। एजेंसी जल्दी ही भगोड़े आभूषण कारोबारी नीरव मोदी, उसके चाचा मेहुल चोकसी समेत अन्य बड़े बैंक ऋण डिफॉल्टरों के खिलाफ भी इस तरह का कदम उठाने वाली है।  

jyoti choudhary

Advertising