वीडियोकॉन लोन मामले में चंदा कोचर और वेणुगोपाल धूत से ईडी के ऑफिस में पूछताछ हुई

Saturday, Mar 02, 2019 - 05:08 PM (IST)

मुंबईः आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर में पेश हुए। वीडियोकॉन लोन मामले में उनसे पूछताछ हुई। जांच एजेंसी ने शुक्रवार को चंदा कोचर और धूत के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई भी की थी।

ईडी द्वारा दोनों के मुंबई और औरंगाबाद में स्थित 4 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। कार्रवाई के बीच ईडी ने कहा था, ‘धनशोधन रोकथाम कानून (मनी लॉन्ड्रिंग कानून) के प्रावधानों के तहत मुंबई में कोचर और औरंगाबाद में धूत के परिसरों की तलाशी की गई है।’ ईडी ने इस महीने की शुरुआत में कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धुत एवं अन्य के खिलाफ के मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। 

कर्ज के बदले फायदे का आरोप 
मामला विडियोकॉन ग्रुप को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से मिले 3,250 करोड़ रुपए के लोन का है। यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपए का एक हिस्सा था जिसे विडियोकॉन ग्रुप ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था। विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत पर आरोप है कि उन्होंने 2010 में 64 करोड़ रुपए न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) को दिए थे। इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर खड़ा किया था। 

ऐसे आरोप हैं कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर समेत उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज पाने वालों की तरफ से वित्तीय फायदे पहुंचाए गए। आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक से लोन मिलने के 6 महीने बाद धूत ने कंपनी का स्वामित्व दीपक कोचर के एक ट्रस्ट को 9 लाख रुपए में ट्रांसफर कर दिया। 

चंदा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी है सीबीआई
जनवरी में सीबीआई ने भी चंदा कोचर, दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एजेंसी ने वीडियोकॉन कंपनी के मुंबई-औरंगाबाद स्थित दफ्तरों और दीपक कोचर के ठिकानों पर छापे भी मारे थे। कुछ दिनों पहले सीबीआई ने चंदा कोचर के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया था। ताकि, वो बिना बताए विदेश नहीं जा सकें।

jyoti choudhary

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