कोरोना से बिगड़ी मॉल की आर्थिक हालत, 40 से 50% घटा किराया

Friday, May 07, 2021 - 04:58 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कोरोनावायरस की महामारी का असर मॉल पर बहुत ज्यादा पड़ा है। मॉल में पट्टे पर दुकानें देने में मदद करने वाले सलाहकारों के मुताबिक साल की पहली तिमाही में बड़े शहरों में मॉल के किराये 40-50 फीसदी तक घटे हैं और आगे इनमें ज्यादा गिरावट के आसार हैं। पिछले एक दशक में किराये में यह सबसे तेज गिरावट बताई जा रही है। मॉल प्रबंधन और सलाहकार कंपनी बियॉन्ड स्क्वैरफीट के संस्थापक सुशील एस डूंगरवाल बताते हैं, 'ज्यादातर मॉल ने न्यूनतम गारंटी की जगह शुद्ध राजस्व हिस्सेदारी मॉडल अपना लिया है, जिससे डेवलपरों को मिलने वाला असल किराया कोविड महामारी से पहले के मुकाबले 40-50 फीसदी कम हो गया है।'
 
न्यूनतम गारंटी का मतलब यह है कि मॉल में दुकान लेने वाले का कारोबार कम हो या ज्यादा, उसे मॉल डेवलपर को एक तय किराया ही देना होगा। राजस्व हिस्सेदारी मॉडल में दुकानदार को अपनी कमाई मॉल डेवलपर के साथ बांटनी पड़ती है। अनिश्चित और अप्रत्याशित माहौल के कारण न्यूनतम गारंटी के बजाय राजस्व हिस्सेदारी मॉडल अपना लिया गया ताकि कारोबार चलता रहे। 

डूंगरवाल ने बताया कि बेंगलूरु, मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में एक जैसा असर दिखा है। उन्होंने यह बताया कि मॉल का किराया प्रमुख बाजारों के किराए से भी अधिक घटा है। ऐनारॉक रिटेल ने हाल ही में कहा था कि 2021 की पहली तिमाही में दिल्ली के खान मार्केट में औसत मासिक किराया 2020 की पहली तिमाही के मुकाबले 8 से 17 फीसदी तक घटा है। मुंबई के प्रमुख बाजारों में भी किराया 5 से 10 फीसदी लुढ़का है। 
 
मुंबई के एक अन्य सलाहकार ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि मौजूदा हालात के कारण मॉल स्टोर मालिकों को 6 से 12 महीने यानी पहले से लंबी अवधि की राजस्व हिस्सेदारी का विकल्प दे रहे हैं। उस सलाहकार ने कहा, 'महामारी से पहले राजस्व हिस्सेदारी की अवधि तीन से चार महीने होती थी। अब राजस्व हिस्सेदारी का ही रास्ता बचा है।

किराया माफी को लेकर राय जुदा  
पिछले लॉकडाउन में ज्यादातर मॉल मालिकों ने अपने किराएदारों का किराया माफ कर दिया था मगर इस बार राय बंटी हुई है। कुछ किराया छोड़ने की योजना बना रहे हैं और दूसरे इसके लिए तैयार नहीं हैं। उदाहरण के लिए एनसीआर की एक प्रमुख मॉल डेवलपर कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अप्रैल और मई या लॉकडाउन तक का किराया माफ करने पर विचार चल रहा है। 

jyoti choudhary

Advertising