अमेरिका में बसने के लिए भारतीयों ने ढूंढ निकाला नया तरीका
Thursday, Jul 19, 2018 - 04:42 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः ट्रंप सरकार की ओर से वीजा नियमों में की जा रही सख्ती के बीच भारतीयों में अमेरिका में बसने और कारोबार करने की इच्छा रखने को लेकर ईबी-5 वीजा का आकर्षण बढ़ रहा है। लोग ग्रीन कार्ड खरीदने लगे हैं। ईबी-5 वीजा के तहत 5 लाख डॉलर का निवेश करना होता है।
ईबी-5 वीजा आवेदन में भारत तीसरा बड़ा देश
ईबी-5 वीजा के लिए आवेदन करने वालों की संख्या के लिहाज से भारत तीसरा सबसे बड़ा देश है। जल्द ही उसके दूसरे पायदान पर पहुंचने की संभावना है। वर्तमान में, पहले स्थान पर चीन और दूसरे पर वियतनाम है। ईबी-5 वीजा कार्यक्रम के तहत, ग्रीन कार्ड पाने के लिए व्यक्ति को किसी योजना में 5 लाख से 10 लाख डॉलर के बीच निवेश करना होता है, जोकि अमेरिका में कम से कम 10 नौकरियां सृजित करे सके। इस तरह के निवेश के बाद पूरे परिवार को ग्रीन कार्ड और स्थाई निवास उपलब्ध होता है।
इन शहरों से सबसे अधिक आवेदक
ईबी-5 वीजा के लिए आवेदन करने वाले भारतीयों में सबसे ज्यादा आवेदक मुंबई, दिल्ली और बंगलूरू के होते हैं। वहीं निवेश के सबसे अधिक प्रस्ताव जमीन जायदाद क्षेत्र से संबंधित होते हैं। वित्त वर्ष 2014-15 में अमेरिकी सरकार को जहां 239 भारतीयों के आवेदन मिले थे वहीं वित्त वर्ष 2015-16 में यह संख्या बढ़कर 354 और 2016-17 में यह 500 हो गई।
क्यों बढ़ रहे आवेदन
ईबी-5 आवेदनों की संख्या तेजी से बढ़ने की दो वजह हैं। पहला ट्रंप प्रशासन द्वारा एच-1बी पर नई नीति लाने के संकेत और दूसरा ईबी-5 वीजा के तहत निवेश की राशि 5 लाख डॉलर से बढ़ाकर 9,25,000 डॉलर किए जाने की संभावना। इसमें ग्रीन कार्ड मिलने में लगने वाला समय भी बहुत कम होता है।