ई-वे बिल का ट्रायल आज से शुरु, कारोबारियों को मिलेगा फायदा

Tuesday, Jan 16, 2018 - 11:45 AM (IST)

नई दिल्लीः ई-वे बिल का ट्रायल रन आज से शुरू हो गया है। ट्रेडर्स और कारोबारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ई-वे बिल में कई ऐसे फीचर एड किए हैं जिससे कारोबारियों के लिए ई-बिल जनरेट करना और उस ट्रैक करना आसान हो जाएगा। इसके तहत कारोबारियों को क्यूआर कोड, एसएसएस जैसे फीचर मिलेंगे। देश भर में 1 फरवरी से ई-वे बिल लागू होगा। अब देश भर में 50 हजार रुपए से अधिक के माल को ट्रांसपोर्ट करने के लिए ई-वे बिल लेना अनिवार्य होगा।

कैसे करना होगा बिल जनरेट
जी.एस.टी.एन. के एक अधिकारी ने बताया कि ई-वे बिल जेनरेट करने के लिए ट्रांसपोर्टर ईवेबिल डॉट एनआइसी डॉट इन पोर्टल पर जाना होगा। पोर्टल पर ट्रांसपोर्टर जी.एस.टी.आइ.एन. के माध्यम से खुद को रजिस्टर करा सकेंगे। जो ट्रांसपोर्टर जी.एस.टी. में रजिस्टर्ड नहीं हैं, उन्हें भी पैन या आधार संख्या की मदद से ई-वे बिल जेनरेट करने की सुविधा मिलेगी। बिल जेनरेट करते समय परिवहन में इस्तेमाल होने वाले वाहन का नंबर डाला जा सकेगा। बीच में ब्रेकडाउन या अन्य कारण से वाहन बदलने पर उसी ई-वे बिल में वाहन का नंबर अपडेट करने की सुविधा भी रहेगी। जरूरत पड़ने पर 24 घंटे के अंदर बिल को रद भी किया जा सकेगा।

SMS पर बन जाएगा ई-वे बिल
कारोबारियों को अलर्ट मैसेज एसएमएस के जरिए मिल जाएगा। ई-वे बिल में क्यूआर कोड भी जनरेट होगा। एक से ज्यादा ई-वे बिल बनाने पर कन्सॉलिडेटेड ई-वे बिल जनरेट होगा। सरकार ने एंडरॉयड फोन के लिए ई-वे बिल का ऐप भी लांच किया है जिसे कारोबारी प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप को डाउनलोड कर अपनी डिटेल और जी.एस.टी.आई.एन. नंबर रजिस्टर करना होगा। ई-वे बिल जनरेट करने पर क्यूआर कोड जनरेट होगा। इस कोड के जरिए जी.एस.टी. अधिकारी कभी भी व्हीकल की चेकिंग कर पाएंगे। क्यूआर कोड के जरिए व्हीकल को ट्रैक कर पाएंगे।


 

 

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