छूट देने में नहीं चलेगी ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी, सरकार ने कसी नकेल

Sunday, May 06, 2018 - 11:28 AM (IST)

नई दिल्लीः फेस्टिवल सीजन में ई-कॉमर्स कंपनियां कई उत्पादों पर छूट देती है। ऐसे ऑफर्स की तरफ हम लोग बहुत जल्दी आकर्षित होते हैं। उत्पाद की कीमत को बढ़ाकर छूट के बहाने ग्राहकों को चूना लगाने वाली इन कंपनियों पर केंद्र सरकार ने नकेल कसनी शुरू कर दी है। सरकार ने राज्यों के मापतौल विभाग को एमआरपी और एक्सपायरी तिथि नहीं लिखने वाले ऑनलाइन विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। सरकार के निर्देश पर विभाग अब तक 100 से भी ज्यादा मामलों में कंपनियों को नोटिस दे चुका है। 

कंपनियां ने किया नियमों का उल्लंघन
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उत्पादों की कीमत में इजाफा करने और फिर उसमें भारी छूट दिखाकर सस्ती कीमत पर बेचने के ई-कॉमर्स कंपनियों के दावे पर रोक लगाने के लिए कदम पिछले साल उठाया था। जुलाई, 2017 में मंत्रालय द्वारा जारी नियमों में उत्पादों का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) और अगर वस्तु या सामग्री के उपयोग की कोई अंतिम तिथि (एक्सपायरी) है तो उसे दर्शाने को कहा गया था। इस व्यवस्था को ई-कॉमर्स कंपनियों को एक जनवरी से अमल में लाना था लेकिन उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर उपभोक्ताओं को चूना लगाना जारी रखा। हाल ही में सोशल मीडिया कम्यूनिटी कंपनी ने एक सर्वे किया जिसमें सामने आया कि ऑनलाइन सामग्री बेचने वाली कंपनियां जानबूझकर नियमों का उल्लंघन कर रही हैं।

दोना होगा जुर्माना
मापतौल अधिकारी जारी किए गए नोटिस का समुचित जवाब कंपनी से दो सप्ताह में नहीं मिलने पर जुर्माने की कार्रवाई होगी। साथ ही इस मामले में उत्पाद को भी जब्त किया जा सकता है। मंत्रालय के नियमों के मुताबिक अगर कंपनियां पहली या दूसरी बार गड़बड़ी करती हैं तो 2000 से 5,000 रुपए तक का जुर्माना लग सकता है। 
तीसरी बार नियम तोड़ने पर एक लाख का जुर्माना और जेल का भी प्रावधान है।
मंत्रालय के मुताबिक जबॉन्ग, लेंसकार्ट, अमेजॉन और हेल्थकार्ट समेत अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा नियमों का उल्लंघन किए जाने का खुलासा सर्वे में हुआ था। 


 

jyoti choudhary

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