क्रिप्टोकरेंसी पर किया व्यापार तो होगी 10 साल की जेल

Saturday, Jun 08, 2019 - 06:53 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत में क्रिप्टोकरेंसी रखना, व्यापार या खरीदने पर केंद्र सरकार गैरकानूनी बनाने जा रही है। वित्त मंत्रालय ने इस पर रोक लगाने के लिए एक ड्रॉफ्ट तैयार किया है। क्रिप्टोकरेंसी खरीदने या व्यापार करने पर आपको 10 साल की जेल हो सकता है। क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और नियमन आधिकारिक डिजिटल करेंसी विधेयक 2019' के मसौदे में क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग, जेनरेट, रखने, बेचने, हस्तांतरित, नष्ट करने, जारी करने और सौदा करने में लिप्त व्यक्ति को 10 साल जेल का प्रस्ताव दिया गया है। 

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी होती है, जो सुरक्षा के क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग करती है और सामान्यत: ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर आधारित होती है। बिटकॉयन दुनिया में सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है।

इन पर कसी जाएगी नकेल
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने Banning of Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2019 के ड्राफ्ट को जारी किया है। इस ड्रॉफ्ट के मुताबिक बिट्क्वाइन, ब्लॉकचेन या फिर अन्य तरह की क्रिप्टोकरेंसी रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति चाहे जो उसे जेनरेट करेगा, रखेगा, बेचेगा, ट्रांसफर करेगा, डिस्पोज करेगा, या डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तरीके से इसमें डील करेगा, उसे सजा भुगतनी होगी। इस प्रस्ताव के बाद क्रिप्टोकरेंसी को देश में मान्यता मिलने की उम्मीद खत्म हो गई है। 

यह लोग हैं पैनल में शामिल
वित्त मंत्रालय ने क्रिप्टोकरेंसी को वैध या अवैध करने के सवाल पर एक पैनल का गठन आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग की अध्यक्षता में किया था। इस पैनल में बाजार नियंत्रक सेबी के अलावा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और देश की प्रमुख वित्तीय जांच एजेंसियों के सदस्य शामिल थे। 

रुपया का आएगा डिजिटल वर्जन
क्रिप्टोकरेंसी के स्थान पर केंद्र सरकार आरबीआई से सलाह लेकर के रुपया का डिजिटल वर्जन लॉन्च करने का सुझाव दिया गया है। यह डिजिटल रुपया देश में लोगों की सुविधा के लिए शुरू किया जा सकता है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी या फिर ब्लॉकचेन जैसी गतिविधियों पर रोक लग सके। 

इसलिए खतरनाक है क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी होती है। हालांकि यह कंपनियों द्वारा जारी की जाती है लेकिन इसे बैंक, किसी भी देश की केंद्र सरकार या फिर सरकारी संस्थान जारी नहीं करता है। इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।  

यह सिर्फ उस वर्चुअल कम्युनिटी के सदस्यों के बीच ही इस्तेमाल किया जा सकता है। यह किसी देश के कानून के दायरे में नहीं आता लिहाजा कोई फ्रॉड होने के मामले में आप बैंक से मदद नहीं मांग सकते हैं। ऐसे में यह करेंसी काफी खतरनाक बन जाती है।

jyoti choudhary

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