31 अक्टूबर की डेडलाइन न चूके, वरना बंद हो जाएगा आपका FASTag

punjabkesari.in Thursday, Oct 30, 2025 - 12:05 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अगर आप अपनी कार या गाड़ी से रोज़ाना हाईवे पर सफर करते हैं और FASTag का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने सभी वाहन मालिकों के लिए Know Your Vehicle (KYV) वेरिफिकेशन को 31 अक्टूबर तक अनिवार्य कर दिया है। तय समय सीमा तक वेरिफिकेशन नहीं कराने पर आपका FASTag स्वचालित रूप से निष्क्रिय (Deactivate) हो जाएगा। इसका मतलब है कि फिर आपको टोल टैक्स कैश में देना होगा, जो फास्टैग दर से दोगुना होता है।

क्यों जरूरी है KYV?

सरकार के अनुसार, KYV प्रक्रिया लागू करने का उद्देश्य फर्जीवाड़े पर रोक और सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ाना है। अब तक कई लोग एक ही फास्टैग को अलग-अलग गाड़ियों में इस्तेमाल कर रहे थे। कुछ लोग तो टैग को अपने पास रखकर टोल पार कर लेते थे, जिससे सिस्टम में गलत ट्रांजैक्शन और डेटा की समस्या आ रही थी।

NHAI का कहना है कि KYV के बाद हर FASTag केवल उसी वाहन से जुड़ा रहेगा, जिसके नाम पर वह जारी हुआ है। इससे छोटे वाहनों द्वारा भारी वाहनों के टैग इस्तेमाल करने जैसी गड़बड़ियां भी खत्म होंगी।

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KYV कैसे करें?

KYV की प्रक्रिया बेहद आसान है। वाहन मालिकों को 

  • अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC)
  • पहचान पत्र (जैसे आधार, पैन या पासपोर्ट)
  • कुछ मामलों में वाहन की ताज़ा तस्वीरें (फ्रंट और साइड व्यू में नंबर प्लेट और फास्टैग साफ दिखना चाहिए) अपलोड करनी होंगी।

यह वेरिफिकेशन आप उसी बैंक की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर कर सकते हैं, जिसने आपका FASTag जारी किया था। बस “Know Your Vehicle (KYV)” या “Update KYV” ऑप्शन पर क्लिक करें, दस्तावेज़ अपलोड करें और OTP वेरिफिकेशन पूरा करें। सफल वेरिफिकेशन के बाद आपका टैग “Active and Verified” के रूप में दिखने लगेगा।

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वेरिफिकेशन नहीं किया तो क्या होगा?

यदि तय समय सीमा तक KYV नहीं कराया गया, तो FASTag अपने-आप बंद हो जाएगा, चाहे उसमें बैलेंस बाकी क्यों न हो। हाल ही में कई ड्राइवरों ने शिकायत की है कि अधूरी KYV प्रक्रिया के कारण टोल प्लाजा पर उन्हें रोका गया या दोबारा भुगतान करना पड़ा।

सरकार और जनता की राय

सरकार का कहना है कि यह कदम डिजिटल टोल सिस्टम को साफ-सुथरा और सुरक्षित बनाएगा। इससे चोरी या बेची गई गाड़ियों को ट्रैक करना आसान होगा और गलत टोल वसूली पर लगाम लगेगी। KYV वेरिफिकेशन तब तक मान्य रहेगा, जब तक गाड़ी का मालिकाना हक नहीं बदलता। अगर गाड़ी बिक जाती है या नया रजिस्ट्रेशन नंबर मिलता है, तो दोबारा KYV प्रक्रिया करनी होगी।

हालांकि, कई वाहन मालिकों का मानना है कि यह प्रक्रिया एक और झंझट है, ठीक वैसे ही जैसे बैंक KYC में होता है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि थोड़ी सी सावधानी समय रहते बरतना बेहतर है, ताकि सफर के बीच किसी तरह की परेशानी या कैश भुगतान की स्थिति न आए।


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Content Writer

jyoti choudhary

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