1 ट्रिलियन डॉलर MCap वाली देसी फर्म 2032 तक! HDFC बैंक और RIL मुख्य दावेदार

Tuesday, Jan 16, 2024 - 12:52 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कोई पहली भारतीय कंपनी वर्ष 2032 तक बाजार पूंजीकरण के लिहाज से 1 लाख करोड़ डॉलर का आंकड़ा पार करने में सफल हो सकती है। एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) को मुख्य दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए इन दो कंपनियों के शेयरों को अगले दशक तक सालाना कम से कम 20 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज करने की जरूरत होगी।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का मानना है कि यदि भारत की जीडीपी वृद्धि बढ़कर सालाना 9 प्रतिशत पर पहुंचती है और कॉरपोरेट मुनाफे के चक्र में बड़ा सुधार आता है तो बाजार पूंजीकरण से जुड़ा यह लक्ष्य संभव है।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों विनोद कार्की और नीरज करनानी ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘हमारी गणना से संकेत मिलता है कि भारत का पहला 1 लाख करोड़ डॉलर एमकैप वाला शेयर वर्ष 2032 तक हो सकता है। वृहद परिदृश्य 9 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि के लक्ष्य के साथ सूचीबद्ध क्षेत्र में मजबूत कॉरपोरेट मुनाफे (7 प्रतिशत लाभ-जीडीपी अनुपात) पर पहुंचने के अनुमान पर आधारित है।’

इन विश्लेषकों ने कहा है, ‘एचडीएफसी बैंक 25 प्रतिशत की दर के साथ इस दिशा में बढ़ने वाला मजबूत शेयर है। आरआईएल की मुनाफा वृद्धि यदि 21 प्रतिशत पर रहती है तो वह भी इस लक्ष्य को छू सकता है, जबकि बजाज फाइनैंस को 1 लाख करोड़ डॉलर एमकैप छूने के लिए अगले दशक के दौरान 40 प्रतिशत की अपनी पिछली वृद्धि दर को बनाए रखना होगा।’

इस वै​श्विक तौर पर 1 लाख करोड़ डॉलर एमकैप क्लब में सिर्फ 6 कंपनियां हैं और इनमें से एक अमेरिका में सूचीबद्ध है। इस सूची में 2.89 लाख करोड़ डॉलर बाजार पूंजीकरण के साथ माइक्रोसॉफ्ट शीर्ष पर है, जिसके बाद ऐपल (2.87 लाख करोड़ डॉलर) है। सऊदी अरामको 2.1 लाख करोड़ डॉलर बाजार पूंजीकरण के साथ तीसरे पायदान पर है।

213 अरब डॉलर बाजार पूंजीकरण के साथ आरआईएल इस समय भारत की सर्वा​धिक मूल्यवान कंपनी है। वर्ष 2001 में भारत की बेहद मूल्यवान कंपनी का बाजार पूंजीकरण 10 अरब डॉलर था। तेजी के बाजार में भारत को 2007 में महज सात साल में पहली 100 अरब डॉलर एमकैप कंपनी मिल गई थी। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का मानना है कि जब कोई भारतीय फर्म 1 लाख करोड़ डॉलर एमकैप क्लब में शामिल होगी, तब तक कम से कम 30 शेयर 100 अरब डॉलर एमकैप सूची से जुड़ जाएंगे। वित्त वर्ष 2023 के लिए मुनाफा-जीडीपी अनुपात 4.9 प्रतिशत रहा।
 

jyoti choudhary

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