स्टेनलेस स्टील की घरेलू मांग 2047 तक दो करोड़ टन तक पहुंचने की उम्मीद

Wednesday, Apr 13, 2022 - 03:29 PM (IST)

मुंबईः स्टेनलेस स्टील की घरेलू मांग वर्ष 2047 तक दो करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान है। 2021-22 में देश में स्टेनलेस स्टील की मांग 37-39 लाख टन थी। ‘स्टेनलेस स्टील विजन डॉक्यूमेंट 2047' की बुधवार को जारी रिपोर्ट में यह कहा गया। यह रिपोर्ट वैश्विक स्टेनलेस स्टील एक्सपो (जीएसएसई) 2022 में अतिरिक्त सचिव, इस्पात रसिका चौबे ने जारी की। यह तीन दिवसीय कार्यक्रम मंगलवार को शुरू हुआ है। इसका आयोजन इस्पात मंत्रालय, जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड और विरगो कम्युनिकेशन्स द्वारा किया जा रहा है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘स्टेनलेस स्टील की मांग 2022 से 2025 तक 6.6-7.5 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज करते हुए 46-48 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है।'' सकल घरेलू उत्पाद में मुख्य रूप से योगदान देने वाले विनिर्माण, अवसंरचना और निर्माण जैसे क्षेत्रों के जरिए वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे 2040 तक खपत 1.25 करोड़ टन और 2047 तक 1.27 करोड़ टन का आंकड़ा छू लेगी। मार्च 2022 तक भारत की स्टेनलेस स्टील की स्थापित क्षमता 66-68 लाख टन थी। 

रिपोर्ट में कहा गया कि क्षमता उपयोग 2021 के 50 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 58-60 प्रतिशत होने का अनुमान है। इसमें कहा गया कि मांग में अनुमानित वृद्धि को पूरा करने के लिए भारत को उपयोग को बेहतर बनाने के साथ-साथ पर्याप्त क्षमता भी विकसित करनी होगी। भारत स्टेनलेस स्टील का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और सबसे तेजी से बढ़ने वाले बाजारों में से एक है। देश में प्रति व्यक्ति स्टेनलेस स्टील खपत 2010 की 1.2 किलोग्राम के मुकाबले 2022 में दोगुनी से भी अधिक 2.5 किलो हो गई। रिपोर्ट में कहा गया कि प्रति व्यक्ति खपत 2040 तक 8-9 किलो और 2047 तक 11-18 किलो होने का अनुमान है। 

jyoti choudhary

Advertising