नाबालिग का गलत दांत उखाड़ा, डाक्टर व अस्पताल प्रबंधन को देने होंगे 1,25,680 रुपए
Sunday, Mar 31, 2019 - 01:02 PM (IST)
भोपालः पीपुल्स डैंटल कॉलेज के डॉक्टरों ने इलाज कराने पहुंचे एक नाबालिग का गलत दांत उखाड़ दिया। यह उसका मूल दांत था जो अब कभी नहीं उग सकता। गलत उपचार करने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने उपचार करने वाले डॉक्टर सहित अस्पताल प्रबंधन को उपचार खर्च, वाद व्यय व हर्जाने सहित 1,25,680 रुपए देने का आदेश दिया।
क्या है मामला
भानपुर निवासी अंकुर चंदेल ने बताया कि वह 7 नवम्बर 2009 को अपने दांतों की सामान्य जांच एवं सफाई कराने पीपुल्स डैंटल अकैडमी गया। वहां पर उसे बताया गया कि उसके ऊपरी जबड़े में सामने की दाईं ओर अंदर की तरफ क्रोलिंग दांत है, जो सामान्य तौर से बाहर दिखाई नहीं देता है। डाक्टरों ने उसे बताए बिना उसके दांत का इलाज शुरू कर दिया। शिकायतकत्र्ता नाबालिग था लेकिन डॉक्टरों ने उपचार के लिए उसके अभिभावकों से भी अनुमति नहीं ली। 30 नवम्बर 2009 को उसकी सलाह और अनुमति के बिना ही डॉक्टरों ने उसका दांत निकाल दिया और ब्रशेस लगा दिए। 3 सितम्बर 2012 को परेशानी होने पर वह फिर उपचार के लिए आया।
उपचार के दौरान उसे पता चला कि डॉक्टरों ने उसका मूल दांत ही निकाल दिया है जो खराब नहीं था और यह अब कभी उगेगा भी नहीं। पीपुल्स डैंटल अकैडमी की तरफ से सुनवाई के दौरान तर्क दिया गया कि उसकी सहमति के बाद ही इलाज किया गया था। डॉक्टरों की सलाह के अनुसार खाने-पीने में लापरवाही बरतने की वजह से उसकी स्थिति खराब हो गई जिसके लिए वह खुद जिम्मेदार है।
यह कहा फोरम ने
फोरम के अध्यक्ष न्यायाधीश आर.के. भावे और पीठासीन सदस्य सुनील श्रीवास्तव की बैंच ने शिकायतकर्ता अंकुर चंदेल के आवेदन पर सुनवाई के बाद मैनेजिंग डायरैक्टर पीपुल्स डैंटल अकादमी भानपुर डॉ. अमिताभ कुल्हारे और डॉक्टर अजय पिल्लई, सर्जन एच.ओ.डी. के खिलाफ यह फैसला सुनाया है। फोरम ने इन डॉक्टरों को नाबालिग के उपचार में खर्च की गई राशि 20,680 रुपए के अलावा 1 लाख रुपए हर्जाना और 5000 रुपए परिवाद व्यय के रूप में 2 महीने में अदा करने के आदेश दिए हैं। बैंच ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि यदि डॉक्टर 2 महीने के भीतर इस राशि का भुगतान नहीं करते हैं तो उनको 9 प्रतिशत ब्याज के साथ यह राशि अदा करनी होगी।