एयर इंडिया को किंगफिशर नहीं बनाना चाहतेः राजू

Thursday, Dec 28, 2017 - 02:05 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार ने आज कहा कि वह 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज में डूबी सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया को किंगफिशर नहीं बनाना चाहती। नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एयर इंडिया के विनिवेश के मद्देनजर कर्मचारियों के भविष्य तथा इस संबंध में आशंकाओं के बारे में पूछे गए एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा हम एयर इंडिया को किंगफिशर नहीं बनाना चाहते। हम एयर इंडिया में दुबारा जान फूंकना चाहते हैं, हम चाहते हैं कि एयर इंडिया नई ऊंचाइयों को छुए। उन्होंने कहा कि यदि सदस्यों के पास इस संबंध में कोई भी सुझाव हो तो सरकार उस पर विचार करेगी। राजू ने कहा कि कोई भी नहीं चाहेगा कि कर्मचारियों को निकाला जाए।

एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि नवंबर 2016 से अक्टूबर 2017 तक पांच करोड़ 94 लाख भारतीयों ने देश और विदेश में हवाई यात्रा की। इनमें दो करोड़ 10 लाख ने भारतीय एयरलाइंस और अन्य तीन करोड़ 84 लाख ने विदेशी विमान सेवा कंपनियों में यात्रा की। तिरुपति से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें बढ़ाने और अमृतसर से एयर इंडिया की उड़ानें शुरू करने के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें शुरू करना पूरी तरह गंतव्य देशों के साथ द्विपक्षीय समझौतों और वाणिज्यिक आधार पर एयरलाइन की इच्छा पर निर्भर करता है। घरेलू मार्गों पर यह पूरी तरह एयरलाइन की इच्छा पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी विमान सेवा कंपनी को उड़ान शुरू करने के लिए नहीं कह सकती। हालांकि उन्होंने कहा कि वह अमृतसर से उड़ान शुरू करने का सुझाव एयर इंडिया तक पहुंचा देंगे।

राजू ने कहा कि सस्ती हवाई यात्रा वाली क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उड़ान’ के पहले चरण में 31 नए हवाई अड्डे नियमित परिचालन में आए हैं जिनमें 14 से उड़ानें शुरू हो चुकी हैं। दूसरे चरण में 49 नए हवाई अड्डे परिचालन में आएंगे। उन्होंने बताया कि आजादी से लेकर पिछले साल तक देश में तकरीबन 75 हवाई अड्डे नियमित परिचालन में थे जबकि ‘उड़ान’ के दो चरणों में ही 80 नए हवाई अड्डे परिचालन में आ जाएंगे।
 

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