सरकार के इस आदेश से अस्पताल में नहीं कटेगी आपकी जेब

Saturday, Aug 12, 2017 - 05:23 PM (IST)

नई दिल्लीः अब हर मेडिकल डिवाइस पर भी साबुन और तेल के पैकेट की तरह एमआरपी लिखना अनिवार्य होगा। अब तक सर्जरी में इस्तेमाल होने वाली मेडिकल डिवाइस पर कोई एम.आर.पी. नहीं होने से अस्पताल मरीजों से मनमानी कीमत वसूलते थे। सरकार ने मेडिकल डिवाइस निर्माताओं और अस्पतालों को साफ कह दिया है कि वो एम.आर.पी. लिखने के साथ ही उस डिवाइस का पूरा ब्यौरा भी मरीजों को दें। अस्पताल में सर्जरी होने पर कौन सी मेडिकल डिवाइस लगी? किस कंपनी की लगी? क्या थी उसकी एमआरपी? अब अस्पतालों को इन तमाम सवालों का जवाब देना होगा। मरीज को लगे हर इंप्लांट की एम.आर.पी., बिल में लिखनी होगी।

उपभोक्ता मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि मेडिकल डिवाइस की हर यूनिट पर बैच नंबर और एम.आर.पी. अनिवार्य है। अब तक डिवाइस मैन्युफैक्चर्स ये दलील दे रहे थे कि मेडिकल डिवाइसेज की सीधी खरीद मरीज नहीं करता, इसलिए इन पर एम.आर.पी. लिखना जरूरी नहीं है। फिलहाल अधिकतर अस्पताल मेडिकल डिवाइस की एम.आर.पी. न बताकर उसका खर्च बताते हैं तो कुछ टूर पैकेज की तरह ही सर्जरी पैकेज ऑफर कर देते हैं। स्टेंट से लेकर वॉल्व, कैथेटर और पेसमेकर जैसे तमाम इंप्लांट मेडिकल डिवाइस की श्रेणी में आते हैं तो अब इलाज के लिए भी जागरुक उपभोक्त बनिए। अपने डॉक्टर से न सिर्फ इंप्लांट की कीमत और किस्मों के बारे में जानिए बल्कि उनकी एमआरपी भी बिल में जरूर चेक करिए।
 

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