GST पर मुनाफाखोरी के चक्कर में फंसे पतंजलि के डिस्ट्रीब्यूटर

Wednesday, Feb 27, 2019 - 12:22 PM (IST)

मुंबईः टैक्स में कमी का फायदा ग्राहकों को नहीं देने को लेकर पतंजलि पर जुर्माना लगाने के बाद नैशनल एंटी प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी (एनएए) ने कन्ज्यूमर गुड्स कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटरों की जांच शुरू की है। एनएए यह पता लगा रही है कि कहीं उन्होंने टैक्स घटने से हुई बचत से अपनी जेब तो नहीं भरी? सूत्रों ने बताया कि एनएए ने पिछले एक महीने में पतंजलि के 10 बड़े डिस्ट्रीब्यूटर्स को नोटिस जारी किया है, जिन्होंने जीएसटी रेट घटाए जाने के बाद सामान सस्ते नहीं किए थे। जीएसटी को 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया था और इसके बाद सरकार इनकी दरों में कई बार कटौती कर चुकी है। 

पतंजलि पर एनएए ने पहले ही 150 करोड़ का जुर्माना लगाया था। इस मामले में जांच चल रही है। माना जा रहा है कि कंपनी एनएए के जुर्माना लगाने के फैसले के खिलाफ अपील कर सकती है। हालांकि, इस बारे में पूछे गए सवालों का पतंजलि के प्रवक्ता ने जवाब नहीं दिया। 

हिंदुस्तान यूनिलीवर, प्रॉक्टर ऐंड गैंबल, जॉनसन ऐंड जॉनसन और फास्ट फूड चेन मैकडॉनल्ड्स की फ्रेंचाइजी हार्डकासल रेस्ट्रॉन्ट्स पर भी जीएसटी की दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों को नहीं देने पर जुर्माना लगाया जा चुका है। एनएए इसका भी पता लगा रहा है कि 30 जून 2017 तक कन्ज्यूमर गुड्स और दवाओं का जो स्टॉक डिस्ट्रीब्यूटर्स के पास था, उनके दाम में अगले दिन से जीएसटी लागू होने के बाद कमी की गई थी या नहीं। एनएए ने डिस्ट्रीब्यूटर्स को नोटिस जारी कर प्रॉडक्ट्स की कीमतों की जानकारी मांगी है। इसमें खासतौर पर कॉस्मेटिक्स प्रॉडक्ट्स पर जोर दिया गया है। 

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्स की दरों में कमी का फायदा ग्राहकों को दिया गया या नहीं, इसका पता लगाने का कोई तय फॉर्मूला नहीं है। इस बारे में खेतान ऐंड कंपनी के पार्टनर अभिषेक ए रस्तोगी ने कहा, 'अभी तक सरकार या एनएए ने मुनाफाखोरी का पता लगाने का कोई फॉर्मूला नहीं बताया है। इस वजह से कई कंपनियों को परेशानी हो रही है।' 

jyoti choudhary

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